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भोपालः करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा

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Jul 16, 2019

दुर्गेश गुप्ता- पेट्रोल पंप डीलरशिप की फर्जी वेबसाइट बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का साइबर पुलिस ने खुलासा किया है। दरअसल गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को नामी-गिरामी कंपनियों की डीलरशिप एजेंसी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। मध्य प्रदेश के स्पेशल डीजी पुरषोत्तम शर्मा ने बताया कि आरोपियों द्वारा नामी-गिरामी कंपनियों के मिलते जुलते नकली पेज बनाकर आवेदकों से रजिस्ट्रेशन कराकर उनकी जानकारी मांग लेते थे। फिर चयन प्रक्रिया के नाम पर रजिस्ट्रेशन की शुल्क, एनओसी के नाम पर, सिक्योरिटी, जीएसटी, इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट, लाइसेंस फीस आदि सेवाएं देने के लिए फर्जी बैंक खातों में पैसा जमा करा लेते थे।

फर्जी वेबसाइट डेवलेपर वरुण मिश्रा और मोहम्मद अनवर खान गिरफ्तार

भोपाल साइबर सेल मुख्यालय को 4 शिकायतें मिली थीं। शिकायतों में जिक्र किया गया था कि उनसे पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर अब तक 70 लाख रुपए की ठगी हो चुकी है। जिसके बाद साइबर पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि गिरोह बिहार से संचालित किया जाता है। दिल्ली मुंबई के वेबसाइट डेवलेपर मोटी रकम लेकर इस तरीके की फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। हालांकि साइबर पुलिस गिरोह को संचालित करने वाले व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाई है, लेकिन पुलिस ने दिल्ली और मुंबई से फर्जी वेबसाइट डेवलेपर वरुण मिश्रा और मोहम्मद अनवर खान को गिरफ्तार किया है। पुलिस को आशंका है कि ग्रुप में अब तक 50 करोड़ की ठगी को अंजाम दे दिया है। गिरोह बड़े ही शातिर तरीके से अपनी फर्जी आईडी के जरिए लोगों को पहले पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर उनसे आवेदन करवाता था। बाद में आवेदन कर्ताओं से रजिस्ट्रेशन, एनओसी और अन्य सेवाओं के लिए पैसा मांगता था। यह पैसा वह फर्जी बैंक अकाउंट में डलवाया करते थे। हालांकि पुलिस ने फर्जी बैंक अकाउंट के बारे में भी पूरी जानकारी निकाल ली है। इस तरह से गिरोह लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता था। हालांकि पुलिस ने इस पूरे मामले को लेकर एसआईटी का गठन कर दिया है। वह SIT अब गिरोह के अन्य सदस्यों और मुख्य आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।