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जेयू: ​कुलपति के खिलाफ दायर हुई याचिका, हाईकोर्ट ने दिया नोटिस

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Apr 6, 2018

ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता शुक्ला के खिलाफ दायर हुई याचिका पर जवाब नहीं देने पर नाराजगी व्यक्त की है, जिसमें कुलपति की नियुक्ति को गलत बताया है और गंभीर आरोप लगाए हैं। 

बता दें कोर्ट ने कहा है कि नियुक्ति को लेकर याचिका में गंभीर आरोप लगाए हैं इसका जवाब देने में क्यों देर की जा रही है, दो हफ्ते में याचिका का जवाब पेश किया जाए। 23 अप्रैल को इस याचिका की फिर से सुनवाई होगी।

जेयू कुलपति के खिलाफ दायर हुई क्वो वारंटो पिटीशन
जेयू के प्रो. अजय प्रताप सिंह चौहान ने संगीता शुक्ला को कुलपति बनाए जाने के फैसले को क्वो वारंटो पिटीशन दायर कर चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि यूजीसी रेगुलेशन 2013 में कुलपति पद के उम्मीदवार के पास उच्च स्तरीय निपुणता और प्रोफेसर पद पर कार्य करने का अनुभव 10 वर्ष निर्धारित किया गया है, लेकिन संगीता शुक्ला के पास यह योग्यता नहीं है। इनके पास दस वर्ष का अनुभव नहीं है। 

चयन कमेटी की अनुशंसा में नहीं है पार​दर्शिता
बता दें कि इसके लिए कुलाधिपति ने चयन के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें प्रो. देवराज एच व प्रोफेसर स्वतंत्र शर्मा को शामिल किया गया था। दोनों ही संगीता शुक्ला के हितकारी हैं। इसलिए नियुक्ति निष्पक्ष नहीं हो सकती है। चयन कमेटी की अनुशंशा में पारदर्शिता नहीं है। इसलिए संगीता शुक्ला को कुलपति के लिए दिए नियुक्ति पत्र को निरस्त किया जाए। 

हाइ​कोर्ट ने दिया इन लोगो को नोटिस
हाईकोर्ट ने दिसंबर 2017 में कुलाधिपति, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, कुलपति, कुलसचिव, प्रो, स्वतंत्र शर्मा, प्रो. देवराज एच, प्रो. संगीता शुक्ला को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन हर बार अधिवक्ता जवाब पेश करने के लिए समय ले रहे थे।