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कमलनाथ सरकार फिर शुरू करेगी वाटर शेड मिशन, प्रदेश की नदियों और तालाबों के संरक्षण पर फोकस

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Dec 23, 2018

गब्बर सिंह ठाकुर : 15 साल बाद प्रदेश में सरकार बनाते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी टीम एक्शन मोड में है आ गई है किसानो की कर्ज माफी जैसे बड़े धमाके करने के बाद अब टीम कमलनाथ किसानो और ग्रामीणों की खेती किसानी में पानी की समस्या हल करने की दिशा में बड़ा काम करेगी। सरकार जहां नदी और तालाबों से अतिक्रमण हटा कर उन्हे वापस पानी से लबालब करेगी वंही वर्षो से बंद पड़े वाटर शेड मिशन को फिर से शुरू करेगी।

किसानो की मुद्दे पर पंद्रह सालो बाद सत्ता में आई कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाते ही किसानो की समस्याऍ और उनकी कठीनाइयाँ दूर करने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही प्रदेश की नदियों और जल स्त्रोतों के संरक्षण हेतु योजना लाएगी। सरकार सभी तरह के जल स्त्रोतों के कैचमेंट एरिया में वृक्षों और पेड़ पौधो की कटाई पर रोक लगाएगी। इसके साथ ही नदियों के उद्गम स्थल को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बड़ी और प्रभावी योजना भी लायेगी। क्योकि इन जगहों पर जलभराव की स्तिथि खराब है। दिग्विजय सिंह सरकार में शुरू हुए वाटर शेड मिशन को कमलनाथ सरकार फिर से शुरू करेगी इस मिशन से लुप्त हो रहे भूगर्भीय स्त्रोतों को खोजा जाएगा और उन्हें फिर से ज़िंदा किया जायेगा, यह मिशन खासकर उन इलाकों में प्रभावी रहेगा जंहा हमेशा जल संकट रहता है।

दरअसल वाटर शेड मिशन योजना समाजसेवी अन्ना हजारे ने मध्य्प्रदेश सरकार के लिए बनाई थी पंद्रह साल पहले दिग्विजय सरकार ने इस मिशन को शुरू किया था लेकिन सत्ता जाते ही मिशन की रफ्तार धीमी पड़ी और भाजपा सरकार ने इसे लगभग बंद कर दिया था। दिग्विजय सरकार में इस योजना का नाम राजीव गांधी जल मिशन के तहत् वाटरशेड योजना रखा गया था। प्रदेश के सबसे जयदा सूखे इलाकों में से एक बुंदेलखंड में यह योजना कामयाब भी रही थी।

मगर वही दूसरी ओर भाजपा प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा है की दिग्विजय शासन काल की भ्रष्ठ योजनाओं को बंद किया गया था अगर कमलनाथ सरकार इन योजनाओं को चलाना चाहती है तो खूब चलाये मगर बाद मे बंद ना करे सूचारू रूप से चले तो वेहतर होगा साथ ही जो योजनाएं भाजपा की चल रही है वह चलती रहे तो भी वेहतर होगा