Jul 16, 2024
उज्जैन : बिना बारिश के ही क्षिप्रा का जलस्तर बढ़ने लगा और रविवार को चंद घंटों में ही पानी छोटा पुल के ऊपर बहने लगा. हालांकि सोमवार सुबह नदी का पानी तेजी से घटने लगा. लोग चर्चा कर रहे थे कि जिले में भारी बारिश न होने के बावजूद बाढ़ जैसे हालात हैं. हालांकि देवास और इंदौर में भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया था. सुबह 3 बजे से नदी का जलस्तर कम होने लगा था. सुबह 9 बजे तक पानी दत्त अखाड़ा घाट के ऊपर से बह रहा था. बाढ़ के साथ आई मिट्टी और घाटों पर जम गई मिट्टी को वापस नदी में डालने का काम उज्जैन नगर निगम के दमकलकर्मियों की मदद से शुरू हुआ और घाटों की सफाई की गई. रविवार को शहर में मौसम अजीब रहा. दोपहर और रात में तेज बारिश से शहर के कई इलाके भीग गए.
मौसमी पैटर्न
मौसम विज्ञानियों के अनुसार अच्छी बारिश के लिए बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनना जरूरी है. इस बार अभी तक एक भी कम दबाव का क्षेत्र नहीं बना है. इस कारण जिले में एक ही समय पर समान बारिश नहीं हो रही है. अभी जो बारिश हो रही है, वह थंडरस्टॉर्म क्लाउड (सीबी क्लाउड) के कारण हो रही है. स्थानीय सिस्टम बनने के कारण अलग-अलग इलाकों में तेज या धीमी बारिश हो रही है. संकेत हैं कि चार-पांच दिन में बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बन सकता है.
कलेक्टर सिंह ने बाढ़ प्रबंधन के उपाय बढ़ाने के निर्देश दिए
इस बीच कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिले में बाढ़ आपदा की स्थिति उत्पन्न न हो और नियंत्रण कक्ष से क्षिप्रा के महत्वपूर्ण स्थानों पर जलस्तर की निगरानी की जाए. उन्होंने रविवार को क्षिप्रा में अचानक बढ़े जलस्तर की पूर्व सूचना न देने पर नियंत्रण कक्ष प्रभारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
सोमवार को प्रशासनिक संकुल भवन में कलेक्टर की अध्यक्षता में अंतरविभागीय समन्वय बैठक हुई, जिसमें अधिकारियों को क्षिप्रा में जलस्तर के बेहतर प्रबंधन के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि जलस्तर में अचानक वृद्धि जैसी स्थिति दोबारा निर्मित नहीं होनी चाहिए.