Feb 12, 2019
18 जनवरी 2019 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाईकोर्ट के नियमों में संशोधन किये जाने के विरोध में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने प्रदर्शन किया। अध्यक्ष आदर्श मुनि ने सोमवार शाम प्रेस वालों को बताया कि हम उस संशोधन पर विरोध करते हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय के नियम को रद्द कर दिया है। इसमें अनुशासनिक कार्रवाई के अधिकार का इस्तेमाल वकीलों के हड़ताल करने की स्तिथि में या न्यायायिक कार्य से विरक्त रहने की स्तिथि में अधिकार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने पास रखा है। मध्यप्रदेश के अधिवक्ता इसका विरोध कर रहे हैं।
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बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने बताया कि अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पहले की सरकार ने पूर्ण नहीं की थी। अब वर्तमान कमलनाथ सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट और कनिष्ठ अधिवक्ताओं को 4 हजार रुपए स्टाईफंड देने का वचन दिया, जो सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है। यदि सरकार ने सप्ताह भर में अधिवक्ताओं की मांगों को पूरा नहीं किया तो सरकार के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन बड़ा कदम उठाएगा।