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दिव्यांग बच्चो के लिये लगाया गया चिकित्सा मूल्यांकन शिविर, जिले के सभी 10 विकासखंडो में हुआ आयोजन

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Dec 28, 2018

राज बिसेन : बालाघाट में सर्व शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चो के लिये स्वास्थ्य शिविर का आयोजन जिला शिक्षा केंद्र में किया गया। बताया जा रहा है कि इस शिविर में विशेष आवश्यकता वाले छात्रो (सी ड्बल्यूएस एन) के औपचारिक पहचान,चिकित्सीय मूल्यांकन एवं शल्य चिकित्सा हेतु एक दिवसीय शिविर का आयोजन भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम(एलिमको) जबलपुर के सहयोग से जिले के सभी 10 विकासखंडो में 15 दिसंबर से 27 दिसंबर तक लगाया गया। बालाघाट में आज अंतिम दिन 250 से ज्यादा बच्चो को स्वास्थय मूल्यांकन किया गया।

जिले के जनपद शिक्षा केंद्र में आज दिव्यांग छात्रो के लिये विशेष चिकित्सीय मूल्यांकन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में बालाघाट के पहली से लेकर आठवीं तक पढने वाले 250 से ज्यादा ऐसे सभी दिव्यांग छात्रो को चिकित्सीय प्रशिक्षण किया गया। इन दिव्यांग छात्रो को स्वास्थ्य परीक्षण एवं जांच के लिये अलग अलग डॉक्टरो की टीम बनाकर जांच किया गया। जिसमें अस्थि रोग,मानसिक रोग,नेत्र संबंधित समस्या के साथ साथ साथ मेंडिकल बोर्ड की टीम को भी इस शिविर में  दिव्यांग बच्चो की स्वासथ्य परीक्षण के लिये शिविर में लगाया गया था।

डॉक्टरो की टीम द्वारा सभी दिव्यांग छात्रो की स्वासथ्य परीक्षण करके इलाज किया। आपको बता दूं कि इस प्रकार की शिविर सभी जिले के 10 विकासखंडो में लगाया गया था। जहां पर चिंहित दिव्यांग बच्चो का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुये समुचित इलाज किया। वहीं इस शिविर के माध्यम से सर्जरी के लिये चिंहित बच्चो को जिला चिकित्सालय में शल्य चिकित्सा के लिये भी समय दिया गया। दिये गये समय पर उन दिव्यांग बच्चो को सर्जरी के द्वारा उनका उपचार किया जायेगा। प्रशासन द्वारा इस प्रकार एक ही स्थान पर दिव्ययांग बच्चो के लिये स्वास्थ्य शिविर लगाने से बच्चे बहुत खुश हुये। उनका कहना था कि इस प्रकार की शिविर लगातार प्रशासन द्वारा लगातार लगाया जाना चाहिये जिससे दिव्यांग छात्रो को इलाज के लिये भटकना ना पड़े।

 इस शिविर के मामले मेंं जानकारी देते हुये जनपद शिक्षा के बी आर सी नरेंद्र राणा ने बताया कि बालाघाट जिले के सभी 10 विकास खंडो मेंं 15 दिसंबर से 27 दिसंबर तक पहली से आठवी तक पठने वाले  दिव्यांग छात्रो के लिये चिकित्सीय मूल्यांकन शिविर लगाया गया था, जिसमें 250 से ज्यादा बच्चो को स्वास्थय परीक्षण किया गया।