Feb 7, 2020
अरविंद दुबे - डेयरी संचालकों ने जबलपुर में एक बार फिर दूध के दाम गुपचुप तरीके से बढ़ा दिए हैं। शहर में दूध 53 रुपए से बढ़ा कर 56 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है। कीमतों में अचानक की गई 3 रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी से परेशान जनता ने कीमतों पर लगाम लगाने की गुहार लगाई है। दूध के दाम बढ़ने से दूध विक्रेताओं के खिलाफ आक्रोश बढ़ने लगा है।
दरअसल भोपाल इंदौर ग्वालिर जैसे शहरों के मुकाबले जबलपुर शहर में सबसे महंगे दामों में दूध बेचा जा रहा है। हर साल गर्मियों के आते ही दूध डेयरी संचालक दूध के दामों में बढ़ोत्तरी कर देते हैं। जिसकी वजह से दूध जैसी उपयोगी और जरुरी वस्तु के दाम आसमान छू रहे हैं। जबकि साल 2007 में दूध के दामों में मनमानी वृद्धि करने के विरोध में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। जिसमें दूध को आवश्यक वस्तु अधिनयम के दायरे में लाने और दूध के दाम में नियंत्रण किये जाने की मांग की गयी थी। जिस पर हाई कोर्ट ने दूध को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत शामिल करने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ दूध डेयरी संचालक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिये राज्य सरकार को दूध के दाम तय करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार को दूध को आवश्यक वस्तु अधिनयम के दायरे में लाने पर निर्णय लेने और दूध के दाम तय करने का आदेश दिया था, लेकिन न तो सरकार ने दूध को आवश्यक वस्तु अधिनयम में शामिल किया और न ही दूध के दाम तय करने के लिए कोई कदम उठाये गये। जिससे दूध विक्रेता अपनी मर्जी से दूध के दाम तय कर रहे हैं। इधर जिला कलेक्टर भरत यादव का कहना है कि दूध की कीमत में बढ़ोत्तरी को लेकर उनके द्वारा जबलपुर जिले के दूध डेयरी संचालक को बुलाया गया है। जिनके साथ बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा कर दूध के दामों में की गयी बढ़ोत्तरी वापस लेने की बात की जाएगी। इसके बावजूद दूध विक्रेता नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाई भी की जाएगी।