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सतनाः नगर निगम द्वारा दीवाली के मौके पर दुकानों की तालाबंदी करना पड़ गया भारी

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Oct 22, 2019

वरूण शर्मा – दीवाली के अवसर पर दुकानों की तालाबंदी करना नगर निगम को भारी पड़ गया। कार्यवाही करने पहुंचे सतना नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। नतीजतन कर्मचारियों को उल्टे पांव लौटना पड़ा। इतना ही नहीं विरोध करते हुए व्यापारियों का जत्था नारेबाजी करते हुए नगर निगम पहुँच गया। जहाँ निगम अध्यक्ष के साथ आयुक्त नगर निगम के सामने धरना दे दिया। व्यापारीयों का सीधा आरोप था निगम की कार्यवाही अवैध है। उन्होंने निगम को पूरा टैक्स व भवन की व्यावसायिक अनुज्ञा ले रखी है। बावजूद उनके भवन की अनुज्ञा अवैधानिक करार कर उस पर तालाबंद की कार्यवाही की गई। जिस पर उन्होंने विरोध जता, नगर निगम का घेराव किया।

नगर निगम अध्यक्ष और कमिश्नर के बीच बातचीत का तल्ख नज़ारा

इस दौरान व्यापारियों की पैरवी करने पहुंचे नगर निगम अध्यक्ष और कमिश्नर के बीच बातचीत का तल्ख नज़ारा भी देखने को मिला। दरअसल अध्यक्ष तेज आवाज में बात कर रहे थे जिस पर कमिश्नर ने आपत्ति की। इस बीच निगम अध्यक्ष और कमिश्नर के बीच भी मामूली नोकझोंक हुई। कमिश्नर ने धीरे बात करने को कहा तो अध्यक्ष ने अपने ऊंचे लहजे में बात करने को अपनी आदत बताया। सतना के गाँधी चौक के व्यापारियों का उग्र रूप उस वक्त देखने को मिला, जब एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान में निगम के अतिक्रमण दस्ते ने तालाबंदी की कार्यवाही की। व्यापारियों ने निगम दस्ते को नारेबाजी करते हुए उल्टे पाँव जाने को मजबूर कर दिया। नारेबाजी करते हुए व्यापारी निगम दफ्तर पर उन्होंने निगम अध्यक्ष को साथ लेकर निगमायुक्त के चेम्बर में पहुँचे और निगम की कार्यवाही को गलत ठहराया।

व्यापारियों ने निगम के अतिक्रमण दस्ते पर उठाया सवाल

पीड़ित व्यापारी अपनी आवाज बुलंद करते हुए जिस वक्त निगम दफ्तर पहुंचे तो पहले निगम अध्यक्ष अनिल जैसवाल के चेम्बर गए। जहाँ से सारे व्यापारी एकजुट होकर नारेबाजी करते हुए, कमश्निर के चेम्बर पहुँचे और निगम के अतिक्रमण दस्ते पर सवाल उठाया। अध्यक्ष और कमिश्नर की बहस इस बात पर थी कि भवन के मालिकान द्वारा न तो टैक्स जमा किया गया और न ही व्यावसायिक भवन अनुज्ञा की अनुमति ली। लिहाजा निगमायुक्त के मुताबिक व्यवसाई रमेश अग्रवाल द्वारा गाँधी चौक स्थित भवन का बिना टैक्स व बिना व्यसायिक भवन अनुज्ञा के उसका उपयोग किया जा रहा था। कमिश्नर द्वारा निगम के कर्मचारियों को खदेड़ने की पुष्टि कर कार्यवाही करने की बात भी कही।