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NOC जारी करने वाले विधि सलाहकार को बनाया रिटेनर, घोटाला हुआ उजागर

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Oct 26, 2017

इंदौर : अधिकारियों की मिलीभगत से शहर को भू माफियाओं ने अपना चारा गाह बना रखा है। लगातार इंदौर में जमीन के बड़े-बड़े घोटाले समाने आ रहे है। ताजा घोटाला समाजिक कार्यकर्ता नीरज द्विवेदी ने उजागर किया है। जिन्होंने तमाम तथ्यों के साथ शिकायत की हैं। 800 करोड़ के जमीन घोटाले में कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ नहीं हुआ। 

इंदौर विकास प्राधिकरण के विधि अधिकारी रिपु सूदन शर्मा की शिकायत पीएमओ से की गई हैं। शिकायत में बताया कि विधि अधिकारी ने इंदौर विकास प्राधिकरण की कई अधिग्रहीत मतलब कब्जा प्राप्त जमीन भूमाफियों के साथ मिलकर एवं सरकारी भूमि पर भी घोटाले के उद्देश्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए।

जिससे इंदौर विकास प्राधिकरण और सरकार को करोड़ों की हानि पहुंचाई गई। ग्राम खजराना का सर्वे क्रमांक 532, जो एसआर 9 पर स्थित हैं। जिसकी  योजना क्रमांक 94 और आधी भूमि योजना क्रमांक 53 में अधिग्रहीत भी की जा चुकी है।

भूमि का रिक्त कब्जा प्राप्त होना भी दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से दर्ज हैं। फिर भी बिना कोई जांच पड़ताल किये, उक्त आवेदन पर अनापत्ति प्रमाण पत्र विधि अधिकारी द्वारा  जारी कर दिया गया। तब से अब तक भूमाफिया के साथ मिल कर पूरा क्षेत्र ही बेच दिया गया। 

यह पूरा मामला प्रक्रियात्मक भूल या त्रुटि नहीं हैं। स्कीम नंबर 53 में की गई शिकायत एवं पूर्व विधि अधिकारी रिपु सूदन शर्मा और रिटेनर अभिभाषक के पद पर नियुक्त करने पर  सवाल उठ रहे हैं। शिकायत कर्ता द्वारा प्रस्तुत प्राधिकारी के दस्तावेज, जिमसें मुख्य रूप से 21 जुलाई 2016 के बोर्ड एजेंडा में लेख है कि योजना का त्याग कब्जा प्राप्त भूमियों को छोड़ कर किया है, इसके बावजूद कब्जा प्राप्त भूमि की एनओसी विधि अधिकारी ने जारी कर दी। यह 12 लाख वर्ग फीट की जमीन 800 करोड़ की है।