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ग्वालियरः अब ब्लास्टिंग के लिए संबंधित क्षेत्र के एसडीएम और एसडीओपी की लेनी होगी रिपोर्ट

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Apr 16, 2019

विनोद शर्मा- ग्वालियर में बिना अनुमति खदानों में ब्लास्ट कर गिट्टी बनाने वाले क्रेशर संचालकों की मुसीबत और बढ़ने वाली है। अभी तक अंधाधुंध ब्लास्टिंग कर रहे थे लेकिन अब अनुमतियों के ही चक्कर काटते रह जाएंगे। अब ब्लास्टिंग के लिए संबंधित क्षेत्र के एसडीएम और एसडीओपी दोनों की रिपोर्ट लगेगी, इसके बाद अनुमति जारी हो सकेगी। जिला प्रशासन और पुलिस दोनों के ऑब्जर्वेशन के बाद यह तय होगा कि क्रेशर का संचालन होगा या नहीं। 52 खदानें बिना अनुमति के ब्लास्टिंग किए जाने का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर अनुराग चौधरी ने हैरानी जताई है कि यह सब कैसे चल रहा था। इस भारी अनियमितता के बाद ही यह निर्णय लिया गया है कि अब एसडीएम-एसडीओपी की रिपोर्ट आवश्यक होगी।

52 खदानें हैं जो डीप एवं शॉर्ट होल ब्लास्टिंग बिना अनुमति के कर रही थीं

ज्ञात रहे कि हाल ही में जिले के डबरा अंतर्गत ग्राम बिलौआ, रफादपुर, गंगापुर, लखनपुरा, लधेरा में चल रही काले पत्थर की खदानों में बिना अनुमति ब्लास्टिंग किए जाने का मामला सामने आया है। ऐसी 52 खदानें हैं जो डीप एवं शॉर्ट होल ब्लास्टिंग बिना अनुमति के कर रही थीं। इन सभी खदान-क्रेशरों को कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही कलेक्टर ने डबरा क्षेत्र के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को खास तौर पर इन क्रेशरों-खदानों पर निगरानी रखने के निर्देश भी दिए हैं।

खनिज अधिकारी से लेकर उनका पूरा अमला के बेखबरी पर उऑ सवाल

यह भी कहा है कि कोई क्रेशर संचालक गुपचुप ढंग से तो रात में संचालन नहीं कर रहा, यह भी जांच की जाए। 52 खदानों में बिना अनुमति ब्लास्टिंग और किसी पर अनुमति नहीं, यह बेहद चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है। खनिज विभाग जिस पर इन क्रेशरों-खदानों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी है, उसे ही पता न हो, यह संभव ही नहीं है। इस पूरे मामले में जिला प्रशासन को तगड़ी सांठगांठ के संकेत भी मिले हैं। खनिज अधिकारी से लेकर उनका पूरा अमला कैसे बेखबर था या बेखबर बना बैठा रहा, यह जांच का विषय है।बिना अनुमति खदानों में ब्लास्ट न हो सके इसके लिए जिला प्रशासन धारा 144 लगाने की तैयारी में है।