Oct 18, 2019
दशरथ सिंह कट्ठा : इलाज के दौरान अक्सर मरीजों के साथ लापरवाही की घटना देखने और सुनने को मिलती है। यह एक तरह की चिकित्सीय उपेक्षा या लापरवाही होती है, जिसके कारण मरीज को शारीरिक और आर्थिक रूप से नुकसान होता है। वहीं ताजा मामला झाबुआ जिले के मेघनगर के शासकीय अस्पताल का हैं जहाँ कल शाम को गर्भवती महिला कमली मति कालू निनामा अपने परिवार के साथ डिलेवली करवाने अस्पताल आई थी लेकिन उस महिला को डॉक्टर द्वारा समय पर इलाज नहीं मिलने पर माँ के पेट में ही बच्चे की मौत हो गई।
परिजनों का आरोप हैं की डॉक्टर अगर सही समय पर इलाज चालू कर देता तो बच्चे की मौत माँ के पेट में नहीं होती, डॉक्टर द्वारा लेट इलाज चालू किये जाने से और डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है। परिजनों का कहना है कि जब हम अस्पताल आये तब बच्चा पेट में जिंदा था। डॉक्टर की लापरवाही से ही बच्चे की मौत हुई हैं। डॉक्टर अगर समय पर चैक कर के इलाज चालू कर देता तो बच्चे की मौत नहीं होती लेकिन जब हमने डॉक्टर को कहा तो डॉक्टर हमें ही धमकी देने लगा और कहने लगा जेल में डलवा दूंगा।