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ग्वालियरः नकली रेड सिग्नल लगाकर ट्रेनों को रोक कर देते थे लूटपाट की घटना को अंजाम

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Jun 3, 2019

विनोद शर्मा- ग्वालियर आरपीएफ यानी कि रेलवे प्रोटक्शन फोर्स ने एक ऐसे शातिर गैंग को गिरफ्तार किया है जो कि रेलवे ट्रैक पर ग्रीन सिग्नल पर आर्टिफिशियल यानी नकली रेड सिग्नल लगाकर ट्रेनों को रोक कर लूटपाट की घटना को अंजाम देते थे। ताजा मामला बानमोर-सांक रेलवे स्टेशन के बीच नूराबाद स्टेशन का है। पुलिस ने पांच में से 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है।

पांच में से दो अपराधियों को पुलिस ने मौके पर से किया गिरफ्तार

ग्वालियर आरपीएफ थाना के अंतर्गत सांक-बानमोर रेलवे स्टेशन के बीच नूराबाद रेलवे स्टेशन पर अज्ञात बदमाशों ने रेड सिग्नल पर ग्रीन सिगनल का एक कपड़ा लगाकर एक छोटी बैटरी के माध्यम से लाल लाइट लगाकर ट्रेन के ड्राइवर को भ्रमित करने की कोशिश की। माल गाड़ी का ड्राइवर ट्रेन को रोकने को मजबूर हो गया, लेकिन ड्राइवर को शंका होने पर उसने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी और एक बड़ी घटना होने से बच गई। बाद में माल गाड़ी के ड्राइवर ने झांसी रेलवे मंडल को इस घटना की सूचना दी। इस सूचना के आधार पर आरपीएफ ग्वालियर का एक दल नूराबाद रेलवे स्टेशन की तरफ पहुंचा। जहां पांच बदमाश इसी तरह की दूसरी घटना को अंजाम देने की फिराक में खड़े हुए थे। आरपीएफ के जवानों ने बदमाशों का पीछा किया। इनमें से तीन आरोपी मौके से फरार हो गए, जबकि दो लोगों को पकड़ लिया गया। उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया है।

बदमाशों के हौसले और लूट की इस नई तकनीक से आरपीएफ भी सकते में

आरपीएफ ने बदमाशों के कब्जे से एक छोटी बैटरी तार कपड़ा, सुतली, रस्सी, कटर और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। साथ ही आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत कर 2 दिन की रिमांड पर ले लिया है। इस तरह से एक बड़ा हादसा होने से टला जो कि मानव सुरक्षा के साथ साथ लूटपाट की घटना होने से बच गई, लेकिन बदमाशों के हौसले और लूट की इस नई तकनीक से आरपीएफ का स्टाफ और अफसर भी सकते में हैं कि ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उन्हें अब इस तरह के हथकंडों पर भी नजर रखने की जरूरत है।

160 किलो मीटर रफ्तार से आ रही ट्रेन को अचानक रोकने पर हो सकती थी भंयकर दुर्घटना

जिस तरह से आरोपी लोग रेड सिग्नल दिखा कर ट्रेन को लूटने के लिए रोकते थे, वो काफी खतनाक भी हो सकता था। 160 किलो मीटर रफ्तार से ट्रेन अचानक रोकनी पड़ती थी। इस तरह की घटनाओं से ना केवल एक अपराध होता है बल्कि भंयकर दुर्घटना भी हो सकती थी। ग्रीन सिग्नल को रेड करने का साहस इन बदमाशों के पास था। जिससे कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था। आरपीएफ की टीम प्रति दिन रात को घने सूनसान इलाके में बदमाशों को पकड़ने को रहती थी। आरपीएफ टीआई खुद रात में झाड़ियों के बीच छुप कर आरोपियो को पकड़ने जमीन में पड़े रहे और मौका पाते ही आरोपियों को धर दबोचा, यदि यह गिरोह न पकड़ा  जाता तो बड़ा हादसा हो जाता।