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चित्रकूटः 10 सालों से बन रही 75 किलोमीटर की सतना-चित्रकूट सड़क आज भी है अधूरी

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May 8, 2019

रामनरेश श्रीवास्तव- पिछले 10 सालों से बन रही 75 किलोमीटर की सतना-चित्रकूट सड़क ठेकेदारों और इंजीनियरों का पुश्तैनी व्यवसाय बन कर रह गई है। भले ही एक सड़क की अधिकतम गारंटी 5 साल की होती हो, लेकिन यह सड़क 10 साल में भी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुई। एक नहीं तीन-तीन कंस्ट्रक्शन कंपनियां बदल गई, पहले टारगेट कांस्ट्रक्शन कंपनी, फिर टापबर्थ ने सड़क बनाया और अब एमपीआरडीसी के द्वारा सड़क बनाई जा रही है। 10 साल लग गए पर सड़क की हालत अभी तक नहीं बदली। एक ठेकेदार ने पहले सतना से मझगवाँ तक 35 किलोमीटर सड़क बनाई, तो दूसरे ने मझगवाँ से चित्रकूट तक सड़क का निर्माण अधूरा छोड़ दिया, लेकिन अब तीसरे ठेकेदार आ गए जो चित्रकूट में 1 किलोमीटर की सड़क पिछले कई वर्षों से नहीं बना पा रहे हैं और मामला 500 मीटर में अटक गया।

धूल और गंदगी की वजह से प्रदूषण फैल रहा

हद तो तब हो गई जब ठेकेदार ने चित्रकूट नगर पहुंचते ही 500 मीटर पहले खाई की तरह सड़क खोल डाली और खेतों की मिट्टी सड़क पर डाल दी, जिसकी वजह से अब चित्रकूट नगर में धूल और गंदगी की वजह से प्रदूषण फैल रहा है। लोग बीमार हो रहे हैं, सड़क पर चलना दूभर हो गया है। आये दिन जाम लगता है, वाहन पलट रहे हैं, लेकिन सड़क की हालत देखकर न तो ठेकेदारों को शर्म आती है और न ही शासन-प्रशासन और सरकार को। एक बात जनता की समझ से भी परे है कि आखिर 10 साल में मात्र 75 किलोमीटर की सड़क तीन-तीन नामचीन कांस्ट्रक्शन कंपनियां भी नहीं बना पाईं। अब हालात ये हैं कि अभी पूरी सड़क बनकर तैयार नहीं हुई और सड़क उखड़कर गडढों में तब्दील होने लगी है। 

इस 75 किलोमीटर की सड़क की हालत देखकर हर कोई विश्वास के साथ कहने लगा कि यह सड़कें आम जनता को सुविधा नहीं, बल्कि कंस्ट्रक्शन कंपनियों, सरकार के नुमाइंदे और इंजीनियरों को फायदा पहुंचाने के लिए पुश्तैनी व्यवसाय बन कर रह गई है। वरना 75 किलोमीटर की सड़कें 10 साल में भी क्या बन कर तैयार नहीं होती।

श्रीराम की उस तपोभूमि के दर्शनार्थ लाखों-करोड़ों श्रद्धालु इसी खटारा सड़क से होकर गुजरते हैं 

आपको बता दें कि यह उसी धार्मिक नगरी चित्रकूट की सड़क हैं, जहां प्रभु श्रीराम ने साढ़े 11 वर्षों तक चित्रकूट में निवास कर तप किया है और प्रभु श्रीराम की उस तपोभूमि के दर्शनार्थ देश भर से लाखों-करोड़ों श्रद्धालु हर माह इसी खटारा सड़क से होकर गुजरते हैं। श्रद्धालुओं के माध्यम से जिस तरह से भ्रष्टाचार में डूबी सड़क का संदेश देशभर में जा रहा है, बात अपने आप स्पष्ट हो जाती है कि आखिर सड़क बनाने के पीछे सरकार, ठेकेदार और इंजीनियरों की मंशा क्या है। इस सड़क की हालत देखकर तो भ्रष्टाचार की सारी हदें पार हो गई हैं। अब देखना यह है कि 10 साल के बाद अभी ठेकेदारों को और कितने वर्ष पूरी सड़क को बनाने में लगेंगे।