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त्योंथरः 70 साल बाद भी शहीद के गांव में नहीं है मार्ग, सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं से भी वंचित

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Sep 22, 2019

अरविंद तिवारी - आजादी के 70 साल बाद भी लोगों को सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य जैसी आधारभूत सेवाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। खासकर उस गांव में जहां के लाल ने देश की सुरक्षा में जून 2015 में मणिपुर में उग्रवादियों से लोहा लेते समय अपने प्राण न्योछावर कर दिया। तत्कालीन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं परिवार का आंसू पोंछने पहुंचे थे और सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के साधन उपलब्ध कराने की बात कही थी। पर रीवा जिले के त्योंथर तहसील के फरहदी गांव, जो वीर सपूत जीतेन्द्र कुशवाहा का गांव है, वहां आज भी मरीजों को इलाज के लिए चारपाई में लिटा कर कई किलोमीटर पैदल ले जाना पड़ता है। यहां की हालत यह है कि कई बार रास्ते में लोग दम तोड़ देते हैं और गर्भवती महिलाओं का प्रसव रास्ते में हो जाता है।

प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत इस सड़क का डामरीकरण होना था, हुआ नहीं

प्रशासन शहीद के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में पहुंचे तब प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद इस गांव को भुला दिया गया और लोग बदहाली का दंश झेल रहे हैं। आज शहीद गांव के एक बीमार व्यक्ति को उनके परिवार के लोग चारपाई में लिटा कर 3 किलोमीटर घर से दूर एंबुलेंस तक कंधे में लेकर पहुंचे थे। जब स्थानीय लोगों से मीडिया कर्मी ने बात की तो स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क ना होने के चलते बरसात में आए दिन इस तरह से मरीजों को ले जाना पड़ता है और बरसात के मौसम में सड़क का ये हाल हो जाता है कि गांव के बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत इस सड़क का डामरीकरण होना था, परंतु ठेकेदार ने मिट्टी डाल कर छोड़ दिया। जिस वजह से जो भी सड़क चलने के लायक थी वो भी न रही, पर अब देखना यह है कि क्या मध्यप्रदेश में सरकार बदली है तो शहीद जितेंद्र कुशवाहा के गांव की स्थिति बदलती हैं या यहां के लोग बदहाली के दंश का शिकार होते रहेंगे, ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।