Apr 22, 2025
मुख्यमंत्री ने निभाई शिक्षक की भूमिका, विज्ञान मंथन यात्रा का किया शुभारंभ
भावी वैज्ञानिकों से किया संवाद, अंतरिक्ष विज्ञान पर पूछे सवाल, 375 विद्यार्थी होंगे शामिल
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विज्ञान के प्रति युवाओं की जिज्ञासा और शोध अभिरुचि को प्रोत्साहित करते हुए सोमवार को मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मैपकॉस्ट) की 17वीं विज्ञान मंथन यात्रा का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री निवास परिसर में किया गया, जहां डॉ. यादव ने प्रदेशभर से चयनित प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के साथ संवाद स्थापित किया और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े विषयों पर चर्चा की।
शिक्षक की भूमिका में नजर आए मुख्यमंत्री
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए। उन्होंने विद्यार्थियों से सीधे सवाल-जवाब किए—जैसे ग्रह और उपग्रह में क्या अंतर है, गुरुत्वाकर्षण शक्ति क्या होती है और पृथ्वी-चंद्रमा के बीच परिक्रमा संबंधी प्रश्न। डॉ. यादव विद्यार्थियों के उत्तरों से बेहद प्रभावित नजर आए और उन्होंने उनके ज्ञान स्तर की प्रशंसा करते हुए कहा, "मैं मुख्यमंत्री नहीं, आज आपके बीच एक मित्र और शिक्षक के रूप में हूं।"
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बच्चों के साथ टेलीस्कोप की मदद से ग्रहों का अवलोकन भी किया और उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान की गहराइयों से परिचित कराया।
मानव शरीर और प्रकृति का वैज्ञानिक समन्वय
मुख्यमंत्री ने विज्ञान और जीवन के आपसी संबंध को समझाते हुए कहा कि मानव शरीर और प्रकृति के बीच गहरा समन्वय है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्राणों के पांच प्रकारों के बारे में बताया—जो शरीर की श्वसन, परिसंचरण, पाचन, उत्सर्जन और प्रजनन प्रक्रियाओं से जुड़े हैं। डॉ. यादव ने इस दिशा में मैपकॉस्ट की भूमिका को सराहते हुए कहा कि संस्था विद्यार्थियों को सैद्धांतिक के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने का सराहनीय कार्य कर रही है।
मिशन एक्सीलेंस: भावी वैज्ञानिकों की खोज
विज्ञान मंथन यात्रा, मैपकॉस्ट द्वारा चलाए जा रहे मिशन एक्सीलेंस का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के कोने-कोने से वैज्ञानिक प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें उभरते वैज्ञानिक के रूप में तैयार करना है। पिछले 16 वर्षों से यह यात्रा विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने और उन्हें प्रयोगात्मक विज्ञान से परिचित कराने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है।
375 विद्यार्थी होंगे शामिल, दिल्ली-चंडीगढ़ के प्रमुख संस्थानों का करेंगे दौरा
इस वर्ष 10वीं से 12वीं कक्षा के विज्ञान विषय के कुल 375 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। ये विद्यार्थी दो समूहों में दिल्ली और चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित विज्ञान संस्थानों का भ्रमण करेंगे। दिल्ली समूह नेशनल साइंस सेंटर, IARI, NIPGR, राष्ट्रपति भवन सहित प्रमुख संस्थानों में जाएगा, जबकि चंडीगढ़ समूह CSIO, IISER, PSCST, NIPER और अन्य वैज्ञानिक संस्थानों का दौरा करेगा।
यात्रा के दौरान विद्यार्थियों को वंदे भारत एक्सप्रेस से राजधानी पहुंचाया जाएगा, जहां विज्ञान भारती द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा।
स्कॉलरशिप से मिलेगा प्रोत्साहन
विज्ञान मंथन यात्रा में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए एक विशेष स्कॉलरशिप परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा में सफल होने वाले हर कक्षा के 20 विद्यार्थियों को आगामी 5 वर्षों तक 12,000 रुपये प्रतिवर्ष की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी।
शिक्षा नहीं, जीवन के लिए उपयोगी यात्रा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने उद्बोधन में कहा, "यह यात्रा केवल ज्ञान नहीं, जीवन के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। जब विद्यार्थी पाठ्य पुस्तकों से बाहर निकलकर विज्ञान के प्रतिष्ठानों को प्रत्यक्ष रूप से देखते हैं, तब उन्हें यह अहसास होता है कि विज्ञान केवल करियर नहीं, सोचने और समझने का तरीका है।"