Loading...
अभी-अभी:

जिला न्यायालय ने एक बार फिर एससी-एसटी एक्ट के तहत दो लोगों की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल

image

Sep 25, 2018

धर्मेंद्र शर्मा : एससी-एसटी एक्ट को लेकर चल रहे विवाद के बीच ग्वालियर जिला न्यायालय ने एक बार फिर एससी-एसटी एक्ट के तहत दो लोगों की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए महाराजपुरा थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। 

वहीं पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है,कि वह थाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करें। क्योंकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिहार और उत्तर प्रदेश के दो मामलों में स्पष्ट दिशा निर्देशों के बावजूद गिरफ्तारी कर गलत कार्रवाई की है। दरअसल महाराजपुरा थाना क्षेत्र में सुरेश सिंह और दिनेश सिंह के खिलाफ मारपीट गाली गलौज और एससी एसटी एक्ट के तहत करीब 20 दिन पहले एक मामला दर्ज किया गया था। 

इस मामले में महाराजपुरा थाना के आरक्षक ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और उनकी 6 अक्टूबर तक न्यायिक अभिरक्षा की मांग की। इससे पहले जिला न्यायालय दोनों आरोपियों का अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर चुका था। आवेदन खारिज करने के बाद कोर्ट ने इस मामले में पाया कि दोनों आरोपियों के परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी गई।

साधारण अपराध होने के बावजूद अनावश्यक रूप से दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। जबकि मारपीट और गाली गलौज की धाराओं में 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है,कि गंभीर अपराधों में ही आरोपी की गिरफ्तारी  सुनिश्चित की जाए। इस मामले में ना तो फरारी के दौरान आरोपियों द्वारा फरियादी को धमकाने की कोशिश का अंदेशा था और ना ही उनके एकाएक गायब हो जाने का।  

इस मामले में कोर्ट ने थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह तोमर की विवेचना और गिरफ्तारी को  गलत ठहराया और उनके खिलाफ न्यायालय के आदेश की अवमानना का मामला दर्ज करने के आदेश दिए। इसके अलावा एसपी को उक्त थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई कर  कोर्ट को  जानकारी देने के भी आदेश दिए गए हैं। आरोपी सुरेश और दिनेश सिंह को कोर्ट ने रिहा करने के निर्देश दिए हैं।