Loading...
अभी-अभी:

किसान आंदोलन का प्रमुख केंद्र बना बदनावर, पुलिस हुई सक्रिय

image

May 31, 2018

1 जून से शुरू हो रहे किसान आंदोलन के दौरान उत्पन्न किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। इसी के अंतर्गत यहां पुलिस थाना परिसर मे बलवा परेड की गई। उपद्रवियों से कैसे निपटा जाए। इसको समझाया गया।
किसान आंदोलन से निपटने के लिए पुलिस ने की बलवा परेड 
एसडीओपी कैलाश मालवीय, नवागत टीआई केएस गेहलोत व नायब तहसीलदार रवि शर्मा की मौजूदगी मे पुलिसकर्मियो ने बलवाईयो से निपटने के लिए रिहर्सल की। करीब आधा घंटा चली परेड़ के दौरान बलवाईयो का सामना करने तथा उन्हें खदेडने के लिए पुलिसकर्मियो ने रिहर्सल की। इस दौरान एक ओर आंदोलनकारी जोरजोर से नारेबाजी करते हुए उत्पात मचा रहे थे तो दूसरी ओर लाठी डंडो व बंदूक व आंसुगेैस से लेैस पुलिसकर्मी उन्हें खदेडने के लिए जोर आजमाईश कर रहे थे। भगाने के लिए जब पुलिस ने बल प्रयोग किया तो एक बलवाई गिर गया। बाद मे उसे पुलिसवालो ने आंदोलन स्थल से हटाकर अस्पताल भेजा। परेड देखने के लिए सडक पर आते जाते कई लोग जमा हो गए।  परेड मे  स्थानीय व बाहर से बुलाए गए पुलिसकर्मियो ने भाग लिया।  

बदनावर है सबसे ज्यादा सवेंदनशील
किसान आंदोलन को लेकर पूरे जिले की नजर बदनावर पर है। इसी को लेकर प्रशासन कोई भी रिस्क नही लेना चाहता है। गत वर्ष हुए किसान आंदोलन का यहाँ सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा था। यहाँ कई जगह तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थी। दूध के टैंकर रोककर दूध सड़क पर बहा दिया था। साथ ही करीब 8 से अधिक ट्रको को रोककर लुटा गया था। जिसको लेकर बदनावर व् कानवन पुलिस थाने पर 200 से अधिक किसानों पर केस दर्ज हुए थे। पिछली बार स्थानीय पुलिस के पास बल नही था। जिससे वे उपद्रव रोकने में नाकाम रहे थे। किंतु इस बार यहाँ भारी फ़ोर्स तैनात किया जाएगा। पुलिस अधिकारी व् प्रशासन के बड़े अधिकारी गांव गांव जाकर भी किसानों को समझा रहे हे। पिछली बार भी किसान आंदोलन की आग यहाँ से ही शुरू होकर पूरे जिले में पहुंची थी।