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ग्वालियर में बंदूक बन रही स्टेटस सिंबल, अभी तक 400 से ज्यादा बंदूक, पिस्टल और रिवॉल्वर के लायसेंस बने

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Dec 8, 2019

विनोद शर्मा : मध्यप्रदेश के ग्वालियर चम्बल संभाग में बंदूक रखने का शौक अब सर चढ़कर बोल रहा है। जिसकी बानगी बीते 11 महीनों के आंकड़ो में देखी जा सकती है। जिनमें अकेले ग्वालियर जिले में चार सौ से ज्यादा बंदूक, पिस्टल और रिवॉल्वर के लायसेंस बनाये गये है। जिनमें से 286 बंदूक के लायसेंस ऐसे में, जिनमें स्थानीय मंत्री विधायक औऱ सांसदो की अनुशंसा लगी है। तो वहीं केवल 10 लायसेंस ऐेसे है, जो बिना अनुशंसा के बनाये गये है। ऐसे में विधायक और मंत्री कह रहे है कि उन्होने उन लोगो के लिये ही अनुशंसा की है जो लायसेंस के पात्र थे। लेकिन हकीकत ये है कि ये सब उनके समर्थक है।

शौकीनों की चाह लगातार बढ़ रही
ग्वालियर अंचल में हथियार रखने के शौकीनों की चाह लगातार बढ़ रही है। इसके लिए रसूखदार लोग क्षेत्रीय विधायकों की सिफारिश लगवा रहे हैं और विधायक भी समर्थकों के लिए लगातार अनुशंसा कर रहे हैं। इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में लाइसेंसों का आंकड़ा 29 हजार को पार कर गया है और जनवरी से नवंबर तक बने 386 नए लाइसेंसों में 286 शस्त्र लाइसेंस विधायकों की सिफारिश पर जारी हुए हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा सिफारिशी पत्र ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल और प्रदेश के खाद्य मंत्री एवं ग्वालियर से विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कलेक्टर कार्यालय भेजे हैं।

ग्वालियर में बंदूक स्टेटस सिंबल
ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रदेश के अन्य संभागों की तुलना में सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार बने हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जहां बंदूक स्टेटस सिंबल मानी जाती है, वहीं शहर में पिस्टलधारी स्वयं को रसूखदार मानते हैं। बंदूक लाइंसेंस की चाह में लोग अपने क्षेत्र के विधायक से लेकर मंत्री तक की सिफारिशें लगवा रहे हैं। जबकि विकास कार्य या जन समस्या को निराकृत करने के लिए जनप्रतिनिधियों के पास पहुंचने वालों की संख्या बेहद कम है। हर दिन कलेक्टर या एडीएम के पास पहुंचने वाले 30 से 40 लोगों में से औसतन 20 लोग लाइसेंस की सिफारिश या फिर आवेदन आ रहे है। जिस पर कलेक्टर का कहना है कि जो पात्रा है, उन्हें ही लाइसेंस दिए जा रहे है।

एक नजर सिफारिशी पत्रों पर

- खाद्यमंत्री और ग्वालियर विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने 98 सिफारिशी पत्र भेजे हैं।
- महिला बाल विकास मंत्री और डबरा विधायक इमरती देवी सुमन ने 23 सिफारिशी पत्र भेजे हैं।
- ग्वालियर लोकसभा सांसद विवेक शेजवलकर ने 15 सिफारिशी पत्र भेजे हैं।
- ग्वालियर ग्रामीण विधायक भारत सिंह कुशवाह ने 20 सिफारिशी पत्र भेजे हैं।
- ग्वालियर पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने 93 सिफारिशी पत्र भेजे हैं।
- ग्वालियर दक्षिण विधायक प्रवीण पाठक ने 19 सिफारिशी पत्र भेजे हैं।
- अपेक्स बैंक अध्यक्ष अशोक सिंह ने 18 सिफारिशी पत्र भेजे हैं।

2015 में यूनिक आइडी कोड जेनरेट करने के लिए सरकार से आए निर्देश के बाद लाइसेंसी हथियारों का चिन्हांकन शुरू किया गया था। उस दौरान 25 हजार लाइसेंसी हथियार सामान्य और लगभग 1400 वीआइपी लाइसेंस सामने आए थे। जबकि वर्तमान वर्ष में हथियारों की संख्या 29 हजार 368 हो गई है। जिसमें से इस साल बने लाइसेंसों में से सिर्फ 100 लाइसेंस ऐसे हैं जो सामान्य स्थिति में बने हैं, बाकी के लगभग सभी सिफारिशी पत्रों के आधार पर बने हैं।