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ग्वालियर पुलिस की राजस्थान, उ.प्र. पुलिस के साथ बॉर्डर मीटिंग

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Aug 29, 2019

विनोद शर्मा : दूसरे राज्यों से आकर वारदात करने वाले इंटरस्टेट अपराधी और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए एक बार फिर ग्वालियर पुलिस की राजस्थान, उप्र पुलिस के साथ बॉर्डर मीटिंग शुरू हो गयी है। जिसमें उप्र के आगरा, झांसी, ललितपुर और राजस्थान के धौलपुर, भरतपुर, बाड़ी के पुलिस अधिकारी मौजूद है। बैठक की अध्यक्षता ग्वालियर जोन के आईजी राजाबाबू सिंह कर रहे है। इस बार बॉर्डर मीटिंग में अवैध उत्खनन, मादक पदार्थ और अवैध हथियारों के तस्करों की जानकारी शेयर की जा रही है।

दूसरे प्रदेशों की पुलिस के साथ समन्वय का अभाव
दरअसल ग्वालियर की सीमा उप्र और राजस्थान से मिलती है। ग्वालियर और इसके आसपास स्थित दूसरे प्रदेशों के जिलों में बदमाश वारदात कर आसानी से भाग जाते हैं। ऐसे में बदमाशों को पकड़ने में बड़ी समस्या दूसरे प्रदेशों की पुलिस के साथ समन्वय का अभाव है। इसके चलते बॉर्डर मीटिंग शुरू की गई। पिछले साल भी बॉर्डर मीटिंग हुई थी। उसमें 3 हजार बदमाशों की सूची का आदान-प्रदान हुआ, लेकिन जो निर्णय बॉर्डर मीटिंग में लिए गए, उनमें से अधिकांश पर अमल नहीं हो पाया। इसके चलते इस बार आईजी राजाबाबू सिंह खुद इस बैठक का एजेंडा फाइनल कर बैठक में हुए निर्णयों की मॉनीटरिंग शुरू कर दी है।

बैठक में सबसे प्रमुख तीन पॉइंट 
आईजी के मुताबिक इस बार की बैठक में सबसे प्रमुख तीन पॉइंट रहेंगे। यह हैं अवैध उत्खनन, मादक पदार्थ, अवैध हथियार और ह्यूमन ट्रैफिकिंग। अवैध मादक पदार्थ और अवैध हथियार पर कार्रवाई के लिए तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को मिलाकर एसआईटी बनाई जाएगी। मादक पदार्थ और अवैध हथियारों के तस्करों की जानकारी एक-दूसरे से शेयर की जा रही है। जिससे इन पर प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जा सके। साथ ही पुरानी बैठक में लिए गए निर्णयों पर अमल क्यों नहीं हो सका, इसकी भी समीक्षा की जा रही है। बैठक में आईजी ग्वालियर रेंज के साथ आईजी चंबल, आईजी झांसी, एसएसपी झांसी, एसएसपी आगरा, एसपी भरतपुर