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जीवाजी यूनिवर्सिटी का मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार, राष्ट्रपति के हाथों होगा उद्घाटन

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Dec 9, 2019

विनोद शर्मा : मध्यप्रदेश की ए ग्रेड यूनिवर्सिटी यानी की ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी का मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स लगभग लगभग बनकर तैयार है। 18 दिसंबर को इसका उद्घाटन राष्ट्रपति से हाथों में प्रस्तावित है। लेकिन उससे पहले मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स को लेकर फिर से यूनिवर्सिटी में ही सियासत शुरू हो गई है। यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस के एचओडी और इसी मेंबर ने मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स को लेकर आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। साथ ही कहा है कि जिस कॉम्प्लेक्स की न्यायिक जांच चल रही हो उसका उद्घाटन राष्ट्रपति और राज्यपाल से कराना गलत है।

मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स शुरुआत से विवादों में घिरा 
ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी का मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स शुरुआत से विवादों में घिरा हुआ है। ईसी मेंबरों के साथ-साथ अब यूनिवर्सिटी के ही विभागाध्यक्ष मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स की गड़बड़ियों को लेकर कुलपति को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। ताजा मामला कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन को लेकर है। जिसमें यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस के एचओडी एपीएस चौहान ने आरोप लगाया है कि जिस विवादित है कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन राष्ट्रपति करने आ रहे हैं। उस पर आर्थिक अनियमितताओं के साथ- साथ उसकी क्वालिटी को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं, साथ न्यायिक जांच चल रही है। ऐसे में उसका उद्घाटन राष्ट्रपति से कैसे कराया जा सकता है।

मल्टी आर्ट कांपलेक्स का शुभारंभ
इसी मेंबरों के माने तो वह मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स को लेकर हमेशा से जीवाजी यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद की बैठक में इस मुद्दे को रख चुके हैं। साथ ही जिस तरह के व कॉम्प्लेक्स की गुणवत्ता को लेकर जो आरोप लग रहे हैं।उसके कागजात भी कुलपति से मांगे हैं। लेकिन कुलपति संगीता शुक्ला उसे देना नही चाहती है। जिससे मामले को दबाया जा सकें। मल्टीआर्ट कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का 18 दिसंबर का प्रस्तावित कार्यक्रम जीवाजी विश्वविद्यालय को मिला है। जिसमें मल्टी आर्ट कांपलेक्स का शुभारंभ होना है। ऐसे में प्रशासन पुलिस सब अपनी तैयारियों में जुट गए हैं और वह हर उस पहलू की जांच कर रहे हैं। जिस पर गड़बड़ी के आरोप लगे हुए हैं।  

किस तरह से जीवाजी यूनिवर्सिटी के मल्टीआर्ट कॉम्प्लेक्स में हुई गड़बड़ी...

  • दिसंबर 2014 में मल्टी आर्ट के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति दी थी। इसके निर्माण के लिए 14 करोड़ 80 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। लेकिन कॉम्प्लेक्स की कॉस्ट 23 करोड़ 92 लाख 58 हजार रूपए पहुंच गयी है।
  • अनुबंध के अनुसार मार्च 2017 तक पूरा काम हो जाना था, लेकिन 2019 में भी 80 फीसदी काम होना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। 
  • मल्टी आर्ट कॉम्प्लेकस का निर्माण 2 साल में होना था। साथ ही जीवाजी यूनिवर्सिटी ने शर्त रखी थी। अगर 2 साल में ठेकेदार निर्माण को पूरा नहीं करता है, तो टोटल कॉस्ट पर 6 फ़ीसदी ठेकेदार से वसूल की जाएगी। लेकिन नही वसूली।
  • 30 एमएम के ग्रेनाइट के स्थान पर 19 एमएम के ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है।
  • कई ऐसे काम इस मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स में किए गए है जो स्वीकृति ड्राइंग डिजाइन के विपरीत हैं। मसलन ग्रिड प्लास्टर के स्थान पर सामान्य प्लास्टर किया जा रहा है।
  • पार्किंग में सीसी फ्लोरिंग के स्थान पर कोटा स्टोन लगाया गया है।
  • दिसम्बर 2019 में उच्च शिक्षा विभाग ने इस पूरे मामले की जांच रिटायर जज से कराने के आदेश भी जारी कर दिये है।

शिवराज सरकार को लिखी चिट्ठी
बहराल मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स आर्थिक अनिमितताएं औऱ क्वालिटी को लेकर सबसे पहले यूनिवर्सिटी के ही फाइनेंस कंट्रोलर महक सिंह ने तत्कालीन शिवराज सरकार को चिट्ठी लिखी थी लेकिन अब दिखाई दे रहा है। उस चिट्ठी के बाद से यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस के HOD औऱ फिजिकल एजुकेशन के HOD राजेन्द्र सिंह सहित यूनिवर्सिटी के ही इसी मेंबर इस मामले को लेकर कई बार बैठकों में मामले को उठाते रहे है।लेकिन बावजूद इसके कार्रवाई नहीं हो रही है।