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कमला राजा अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई एक महिला और उसकी नवजात बच्ची की मौत

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Jul 18, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा : ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल परिसर में बने कमला राजा अस्पताल में उस समय हंगामा मच गया, जब डिलीवरी के लिए आई एक महिला और उसकी  नवजात बच्ची की मौत हो गई। महिला के परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात लेडी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। महिला को कल शाम को ही केआरएच में भर्ती कराया गया था।

ट्रीटमेंट न मिलने के कारण मरीज की मौत
जानकारी के मुताबिक चिनोर थाना क्षेत्र के "भौरी" गांव के रहने वाले नवल राठौर ने अपनी पत्नी वंदना को प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार शाम को कमलाराजा अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती करवाया था लेकिन अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात लेडी डॉक्टर अस्पताल से नदारद थी, ऐसे में स्टाफ ने वंदना को भर्ती तो कर लिया लेकिन ठीक ढंग से उसे ट्रीटमेंट नहीं मिल सका। जिसके चलते आज सुबह उसकी और उसकी बच्ची की मौत हो गई जिसके बाद मृतक महिला बंदना के परिजनों में चीख-पुकार मच गई और अस्पताल में हंगामे जैसी स्थिति पैदा हो गई। मृतका के परिजनों का आरोप है की शाम होते ही अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर मौजूद नहीं रहता है और यहां ठीक ढंग से इलाज नहीं किया जा रहा है साथ ही परिजनों ने डॉक्टर और स्टॉफ़ पर धमकाने का भी आरोप लगाया है।

परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा
करीब 2 घंटे तक परिजनों का हंगामा अस्पताल के गेट पर चलता रहा इस दौरान कोई भी डॉक्टर या स्टाफ मौके पर मौजूद नहीं था और कंपू थाना क्षेत्र की पुलिस भी मौके से नदारद थी। बंदना के परिजन अब अस्पताल मैं ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत स्वास्थ्य महक में से लेकर ऊपर लेवल तक करेंगे। जिससे डॉक्टरों की लापरवाही से किसी की भी मौत ना हो।

आए दिन डॉक्टरों की लापरवाही के मामले सामने
जयारोग्य अस्पताल समूह के कमला राजा अस्पताल में आए दिन डॉक्टरों की लापरवाही बरतने की खबरें सामने आती रहती हैं और कई मामलों में डॉक्टरों की लापरवाही के अलावा मरीजों के अटेंडरों से अभद्रता की शिकायतें भी कई बार थानों तक पहुंची है लेकिन किसी भी मामले में आज तक किसी भी डॉक्टर को दोषी नहीं ठहराया गया है और ना ही प्रबंधन ऐसे मामलों में गंभीरता दिखाता है। ऐसे में पुलिस और प्रबंधन के ऐसे रवैया से दूरदराज से आए मरीज चुपचाप या तो अपने मरीज को लेकर चले जाते हैं या फिर चुपचाप सब कुछ झेलते रहते हैं।