Sep 17, 2024
2022-23 में कुल 1,459 पर्यटक कुनो नेशनल पार्क आए, जबकि 2023-24 में 3,172 पर्यटक आए. आंकड़े बताते हैं कि कुछ लोगों ने इसमें रुचि दिखाई.
कूनो नेशनल पार्क की चीता परियोजना ने दो साल पूरे कर लिए हैं, यह एक उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 वयस्क चीतों में से आठ की मौत हो चुकी है. कूनो में पैदा हुए 17 शावकों में से पांच अब नहीं रहे. शेष 12 चीते बाड़ों के अंदर हैं, जो जंगल में छोड़े जाने का इंतजार कर रहे हैं. जब चीता परियोजना शुरू हुई, तो कई लोगों ने सोचा कि कूनो में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 2022-23 में कुल 1,459 पर्यटक कूनो नेशनल पार्क आए, जबकि 2023-24 में 3,172 पर्यटक आए. पर्यटकों की कम संख्या का कारण यह है कि चीते बाड़ों के अंदर ही रहे और लोगों की नज़रों से दूर रहे.
17 सितंबर, 2022 को कूनो पर सबकी नज़र तब पड़ी तब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को यहां पर छोड़ा. फरवरी 2023 में, दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए, जिससे कुल संख्या 20 हो गई. चीता परियोजना के पहले साल में छह वयस्क चीतों की मौत हुई थी. सबसे पहले मरने वाली साशा के गुर्दे खराब होने के कारण मौत हो गई थी. दूसरी मौत दक्षिण अफ्रीकी चीता उदय की हुई. तीसरी मौत दक्षा की हुई. संभोग के प्रयास के दौरान एक नर चीते से हिंसक मुठभेड़ के दौरान उसकी मौत हो गई.
बाद में, नामीबियाई मादा चीता त्बिलिशी और दो दक्षिण अफ्रीकी नर चीते तेजस और सूरज सेप्टीसीमिया के कारण मर गए. उनके रेडियो कॉलर के नीचे कुछ कीड़ों की वजह से उनकी मौत हो गई थी. कूनो में पैदा हुए शेष तीन शावक अत्यधिक गर्मी के कारण मर गए थे. 2024 में दो वयस्क चीते शौर्य और पवन की मौत हो गई थी.
2024 में शावकों का जन्म
कुल मिलाकर, 2024 में कूनो में 13 शावकों ने जन्म लिया. आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया, ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया और गामिनी ने 6 शावकों को जन्म दिया. जन्म के कुछ दिनों बाद गामिनी के दो शावकों की मौत हो गई. वन्यजीव प्रेमी परियोजना की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि पर्यटक चीतों को करीब से देख पाएंगे.
कर्मचारियों की कमी
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में फील्ड स्टाफ की कमी है, जिससे वन और वन्य जीव संरक्षण प्रभावित हो सकता है. कूनो की निरीक्षण रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. वन रेंजर, उप वन रेंजर, वनपाल आदि की कमी है. रिपोर्ट के अनुसार, वन रेंजर के स्वीकृत पद 14 हैं और उनके सापेक्ष केवल 8 ही भरे हुए हैं. इसी तरह उप वन रेंजर के कुल स्वीकृत पद 12 हैं और केवल 6 ही भरे हुए हैं. वनपाल के स्वीकृत पद 45 हैं और केवल 15 पद भरे हुए हैं. वनपाल के तीस पद रिक्त हैं.