Aug 4, 2025
मध्य प्रदेश: नगर पालिका अध्यक्षों पर अविश्वास प्रस्ताव का खतरा, सीएम से नियम बदलने की मांग
मध्य प्रदेश में नगर पालिका और नगर परिषदों के अध्यक्षों की कुर्सी पर संकट मंडरा रहा है। तीन साल की अविश्वास प्रस्ताव से सुरक्षा की अवधि पूरी होने के बाद कई जगह बगावत की आशंका है। मप्र नगर पालिका अध्यक्ष संघ ने सीएम मोहन यादव से अविश्वास प्रस्ताव की अवधि को तीन से बढ़ाकर पांच साल करने की मांग की है, ताकि अध्यक्षों की स्थिति मजबूत हो सके।
नियमों में बदलाव की मांग
पिछले साल अगस्त में मोहन सरकार ने नियमों में संशोधन कर अविश्वास प्रस्ताव की अवधि दो से तीन साल और समर्थन की शर्त दो-तिहाई से तीन-चौथाई कर दी थी। अब तीन साल पूरे होने पर कई निकायों में, खासकर बीजेपी के ही पार्षदों में असंतोष देखा जा रहा है। नर्मदापुरम, टीकमगढ़, दमोह, बामनोर, मऊगंज, चाचौड़ा, कुंभराज और शाढोरा में अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति बन रही है।
पार्षदों और अध्यक्षों में तनाव
कई निकायों में अध्यक्ष और पार्षदों के बीच तालमेल की कमी से राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं। कुछ जगहों पर निर्दलीय पार्षदों की भूमिका भी अहम हो सकती है। 6 से 11 अगस्त के बीच तीन साल की अवधि पूरी होने पर कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपे जा सकते हैं।
सीएम से उम्मीद
मप्र नगर पालिका अध्यक्ष संघ ने सीएम से नियमों में बदलाव की गुहार लगाई है। यदि अवधि पांच साल हो जाए, तो अध्यक्षों को स्थिरता मिल सकती है। अब सबकी नजर सरकार के अगले कदम पर है।