Aug 3, 2025
महाकाल की चौथी सवारी में पर्यटन झांकियां और जनजातीय नृत्य की धूम, उमा-महेश भी होंगे शामिल
उज्जैन में 4 अगस्त को श्री महाकालेश्वर की चौथी सवारी भव्य रूप में निकलेगी। भगवान महाकाल की पालकी के साथ नंदी रथ पर श्री उमा-महेश की प्रतिमा भी होगी। इस बार सवारी की थीम मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आधारित होगी। जनजातीय और लोक कलाकार रंग-बिरंगे नृत्य प्रस्तुत करेंगे। सवारी शाम 4 बजे मंदिर से शुरू होकर रामघाट सहित विभिन्न मार्गों से गुजरेगी, जहां भगवान का अभिषेक होगा।
सवारी का भव्य मार्ग और पूजन
श्री महाकालेश्वर की सवारी 4 अगस्त को शाम 4 बजे मंदिर से रवाना होगी। भगवान चंद्रमौलेश्वर पालकी में, मनमहेश हाथी पर और शिव-तांडव गरुड़ रथ पर विराजेंगे। सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से रामघाट पहुंचेगी, जहां शिप्रा नदी के जल से अभिषेक होगा। इसके बाद रामानुजकोट, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर और गुदरी बाजार होते हुए मंदिर लौटेगी। मंदिर में पूजन के बाद पुलिस जवान सलामी देंगे।
पर्यटन पर आधारित आकर्षक झांकियां
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप, सवारी में मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों की झांकियां शामिल होंगी। इसमें कान्हा, पेंच, रातापानी और पन्ना टाइगर रिजर्व की वन्यजीव झांकियां, उज्जैन के सांदीपनि आश्रम और ओंकारेश्वर के एकात्मधाम की धार्मिक झांकियां, ग्वालियर-चंदेरी के किले और खजुराहो के मंदिरों की ऐतिहासिक झांकियां, साथ ही ओरछा के होम स्टे और मंदिरों की ग्रामीण पर्यटन झांकियां होंगी।
जनजातीय और लोक नृत्य की प्रस्तुति
सवारी में चार नृत्य दलों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। धार से मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में भगोरिया नृत्य, छिंदवाड़ा से मोजीलाल डाडोलिया के नेतृत्व में भड़म नृत्य, उज्जैन से कृष्णा वर्मा के नेतृत्व में मटकी नृत्य और सिवनी से राहुल धुर्वे के नेतृत्व में सैला नृत्य होगा। ये प्रस्तुतियां सवारी की शोभा बढ़ाएंगी।