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5 साल बाद खुलासाः खुद फरियादी ही निकला अपने पिता का हत्यारा

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Feb 9, 2018

इंदौर। जर, जोरू और जायदाद झगड़े की ये तीन प्रमुख वजहें पुराने ज़माने से मानी जाती रही हैं। इनके चर्चे झगड़ों के कई प्रकरणों में आपने सुने भी होंगे। लेकिन जायदाद के लिए अपने ही पिता की हत्या करने वाले बेटे के बारे में शायद आपने नहीं सुना होगा। जी हां दरअसल 5 साल पहल हुए अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए पुलिस ने उस बेटे को गिरफ्तार किया है, जो खुद मामले में फरियादी था और जो पिता की मौत पर सबसे अधिक रो रहा था।

करोड़ों की जायदाद पाने के लिए की हत्या...

भारतीय समाज में पिता का स्थान सर्वोपरी माना जाता है। लेकिन एक कलयुगी बेटे ने पिता की जायदाद हड़पने के लालच में बेरहमी से हत्या कर दी। दरअसल 31 मार्च 2013 को खजराना थाना क्षेत्र के बिसनखेड़ी के जंगल में पुलिस को 60 साल के व्यक्ति की लाश मिली थी। एरोड्रम थाने में दर्ज एक गुमशुदगी के आधार पर 4 दिन बाद मृतक की शिनाख्त अशोक नगर के रहने वाले सुरेन्द्र कुमार कटारिया के रूप में हुई थी। सुरेन्द्र के बेटे तरुण कटारिया ने ही उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी।

हत्यारों को पकड़ने की मांग भी करता रहा...

पिता की मौत से बेटा खासा दुखी था, वह उसके पिता के हत्यारों को पकड़ने की मांग को लेकर आये दिन आला पुलिस अधिकारियों से भी मिलता रहा, लेकिन मामले की हर पहलू से जाँच करने के बाद भी पुलिस आरोपी तक नहीं पहुँच पा रही थी, जिसके बाद ये मामला शांत होने लगा।

क्राइम ब्रांच ने खोले थे कुछ पुराने केस...

लेकिन पिछले कुछ समय से क्राइम ब्रांच ने पुराने अनसुलझे केस को खोलना शुरू किया, जिसमें सुरेन्द्र कटारिया की हत्या का मामला भी पुलिस के हाथ लगा। मामले की जाँच करते हुए क्राइम ब्रांच ने बेटे को ही संदेही माना। एक महीने तक मेहनत के बाद कुछ साक्ष्य जुटाकर पुलिस ने तरुण से कड़ाई से पूछताछ की। इसमें उसने खुलासा किया कि उसने ही अपने साथियों जितेन्द्र उर्फ़ जीतू मंत्री और शाकिर के साथ मिलकर पिता की गला दबाकर हत्या की थी। वह जमीन दिखाने के बहाने पिता को अपने साथ बिशनखेडी लेकर गया था, वहां जंगल में बेरहमी से पिता की हत्या कर लाश ठिकाने लगा दी।

ये किए खुलासे...

आगे पूछताछ करने पर उसने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि उसकी अपने पिता से बनती नहीं थी, इस वजह से वह अपनी माँ के साथ अलग रहता था। माँ की मौत हो गयी थी और उसकी दोनों बहनों की भी शादी हो चुकी थी। ऐसे में वह अपनी पत्नी के साथ वापस पिता के पास आकर रहने लगा था।

एक बेटी होने के बाद तरुण की पत्नी सोना को 2 बार मिस केरिज हो चुका था। उसका इलाज करवाने के लिए तरुण ने पिता से रूपये मांगे थे, लेकिन पिता ने रूपए नहीं दिए। इसके बाद उसने अपने बचपन के दोस्त जितेन्द्र उर्फ़ जीतू मंत्री से रूपये लेकर पत्नी का इलाज करवाया था। उसका भी कर्ज उसे चुकाना था, ऐसे में पिता की करोडों की जायदाद पर कब्ज़ा करने की नियत से उसने साजिश रची और पिता को रास्ते से हटा दिया।

हत्या के 5 साल बीत जाने के बाद तरुण निश्चिंत हो गया , कि अब पुलिस किसी भी हाल में उस तक नहीं पहुँच सकेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 5 साल बाद ही सही पुलिस ने हत्या का खुलासा कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बेटे ने पिता की जमीन बेचकर अपना कर्ज भी चुका दिया था ,लेकिन पिता के कर्ज को वह कलयुगी बेटा भूल गया और इस तरह का जुर्म किया।