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रानी लक्ष्मीबाई की शहादत में दो दिवसीय बलिदान मेले का आयोजन ग्वालियर में...

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Jun 19, 2019

विनोद शर्मा : 1857 की क्रांति की नायिका रानी लक्ष्मीबाई की शहादत में दो दिवसीय बलिदान मेले का आयोजन ग्वालियर में किया गया। बलिदान मेले के दूसरे दिन रानी के जीवन चरित्र को युवा पीढ़ी तक पहुंचने के लिए महानाट्य का आयोजन किया गया। तो वहीं वीरांगना सम्मान एशियन मैराथन चैम्पियन डॉ. सुनीता गोदारा को दिया गया। कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल मुख्यअतिथि के बतौर शामिल हुए। जिन्होनें कहा कि मेले का उद्देश्य आज की पीढी में भारतीय इतिहास और योद्धाओं के प्रति रुचि बढ़ाना है। तो वहीं वीरांगना सम्मान प्राप्त करने वाली डॉ. सुनीता का ने कहा कि इस सम्मान से उनको और बेहतर काम करने की ऊर्जा मिलेगी, लेकिन इस बीच वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई समिति के संस्थापक और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने मेले के मंच से ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साध दिया। पवैया ने कहा कि दिल्ली में बैठकर रानी के बलिदान को खत्म करने की साजिश चल रही थी, लेकिन उन्होनें उन्हें कामयाब नही दिया।

ग्वालियर के बलिदान मेले में युद्ध आरंभ

रणभेरी बजते ही तोपें गरज उठीं, तलवारें चमक उठीं, घोड़ों की टापों से सारा वातावरण गूंज उठा। युद्ध के इस जीवंत दृश्य को देखकर दर्शकों को ऐसा लगा, मानो सचमुच ग्वालियर के बलिदान मेले में युद्ध आरंभ हो गया हो। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की शहादत को नमन करने के लिए सोमवार को लक्ष्मीबाई समाधि के सामने मैदान में वंदेमातरम् समूह द्वारा यह महानाट्य प्रस्तुत किया गया। भव्य नाट्य मंचन दर्शकों में एक आग पैदा कर गया। इसमें बाल कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान नाटक में ग्वालियर की सिंधिया रियासत द्वारा रानी के साथ किए गए असहयोग को भी रेखांकित किया गया। अंत में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए रानी वीरगति को प्राप्त हुईं। यह दृश्य देखकर लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया पर साधा निशाना 

लेकिन बीच जैसे ही मेला खत्म हुआ, वैसे ही फिर से रानी लक्ष्मीबाई के मेले पर सियासी रंग चढ़ गया। वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई समिति के संस्थापक और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने मेले के मंच से ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साध दिया। पवैया ने कहा कि दिल्ली में बैठकर रानी के बलिदान को खत्म करने की साजिश चल रही थी, लेकिन उन्होनें उन्हें कामयाब नही दिया। पवैया ने यहां तक कह डाला। प्रदेश में 6वीं के पाठ्यक्रम से सुभद्राकुमारी की कविता हटाने काम कांग्रेस कर रही है। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल ने कहा कि मेले का उद्देश्य आज की पीढी में भारतीय इतिहास और योद्धाओं के प्रति रुचि बढ़ाना है। तो वहीं वीरांगना सम्मान प्राप्त करने वाली डॉ. सुनीता का ने कहा कि इस सम्मान से उनको और बेहतर काम करने की ऊर्जा मिलेगी। इस दौरान वीरांगना मेले में राष्ट्रीय कवि पहुचें। जिनमें छत्तीसगढ़ के सुरेद्र दुबे भी थे। जिन्होनें रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य को बखान किया।

जयभान सिंह पवैया, पूर्व मंत्री 

दिल्ली में बैठकर रानी के बलिदान को खत्म करने की साजिश चल रही थी, लेकिन उन्होनें उन्हें कामयाब नही दिया। पवैया ने यहां तक कह डाला के प्रदेश में 6वीं के पाठ्यक्रम से सुभद्राकुमारी की कविता हटाने का काम कांग्रेस कर रही है।

सियासी रंग के बीच खत्म हुआ मेला

बहरहाल दो दिनों तक चलने वाला रानी लक्ष्मीबाई का मेला। सियासी रंग के बीच खत्म हो गया। लेकिन इस बीच कई सारें सवाल भी पैदा कर गया है। क्योंकि कमलनाथ सरकार के मंत्री इसे भव्य रूप देने के लिए तीन दिनों का करना चाहते है। साथ ही इसका नाम बदलकर शहीदी मेला रखना चाहते है, तो वहीं बीजेपी के संगठन मंत्री मंच से कहकर गए है, कि वह इस मेले को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएंगे। ऐसे में देखना होगा। 2020 में रानी लक्ष्मीबाई का मेला किस स्वरूप में लगता है।