Loading...
अभी-अभी:

किसान ऋण माफी की प्रक्रिया का आगाज़ होते ही सहकारी समितियों में हुए घोटालों की खुली पोल

image

Jan 17, 2019

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में किसान ऋण माफी की प्रक्रिया का आगाज़ होते ही 76 कृषि साख सहकारी समितियों में हुए घोटालों की पोल खुलने लगी हैं समितियों की तरफ से जब पंचायत पर ऋणदाताओं की लिस्ट चस्पा की गई तो कई ऐसे किसानों के नाम सामने आए जिन्होंने कर्ज लिया ही नहीं है लेकिन फिर भी वे कर्जदार हैं किसानों ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा व समितियों में जाकर आपत्ति व्यक्त की है किसानों का कहना है कि जब उन्होंने बैंक से कर्ज लिया ही नहीं है तो कैसी कर्जमाफी?

साल 2010 में आया था कर्ज वितरण घोटाला सामने

किन्तु तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में जान पहचान होने से आरोपी बचते रहे चुनाव से पहले पूर्व विधायक बृजेंद्र तिवारी ने सहकारी बैंक में हुए घोटाले का मुद्दा उठाया, इसके लिए उन्होंने किसान आंदोलन भी किया प्रशासन ने घोटालेबाजों के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन भी दिया, लेकिन फिर भी को कार्रवाई नहीं हुई इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसान कर्जमाफ़ी का वादा किया और सत्ता में आने के बाद सर्व प्रथम किसानों की कर्ज माफी को मंजूरी दी।

कर्जमाफी की प्रक्रिया हुई आरम्भ

पंचायत स्तर पर कर्जदारों की लिस्ट चस्पा की गई है इसमें ऐसे किसानों के नाम प्रकाश में आए हैं, जिन्होंने कर्ज लिया ही नहीं अब ये किसान सहकारी बैंक की शाखाओं पर आपत्ति जताने पहुंच चुके हैं, उधर, समितियों को कर्ज प्रदान करने का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की तरफ से किसानों को फसल के लिए कर्ज साख सहकारी समितियों के जरिए दिया जाता है गत दस वर्षों में बिना कागजी कार्रवाई किए 120 करोड़ का फर्जी कर्ज दिया गया था।