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शहडोल: पढ़ाई की डांट पर कलयुगी बेटे का कहर, मां को लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला, तीन दिन लाश के साथ सोता रहा

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Nov 7, 2025

शहडोल: पढ़ाई की डांट पर कलयुगी बेटे का कहर, मां को लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला, तीन दिन लाश के साथ सोता रहा

इरफान खान शहडोल : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक नाबालिग बेटे ने अपनी मां की क्रूर हत्या कर दी। वजह महज पढ़ाई को लेकर हुई डांट। ब्यौहारी थाना क्षेत्र के बरकछ गांव में 40 वर्षीय सविता कोल की हत्या उसके 16 वर्षीय बेटे ने कर दी। हत्या के बाद आरोपी ने घर को अंदर से बंद कर मां के शव के साथ तीन दिनों तक बिताए, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और जांच शुरू कर दी है। यह घटना परिवारिक कलह और मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या को उजागर करती है।

घटना का विवरण: पढ़ाई की डांट पर भड़का बेटा

बरकछ गांव में रहने वाली सविता कोल अपने पति विनोद कोल के साथ रहती थीं, जो गुजरात में मजदूरी करते हैं। दीपावली के बाद विनोद गुजरात चले गए थे। सविता का बेटा कक्षा 8 के बाद पढ़ाई छोड़ चुका था और दिनभर दोस्तों के साथ खेलकूद करता रहता। मां बार-बार उसे आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित करती और डांटती। 4 नवंबर को भी सविता ने गुस्से में बेटे को डांटा। इससे आग बबूला होकर नाबालिग ने लाठियों और डंडों से मां पर हमला कर दिया। सिर पर लगे वारोंों से सविता की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी ने शव को घर में ही छोड़ दिया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। वह दूसरे कमरे में रहकर खाता-पीता रहा, बिना किसी को बताए।

पुलिस कार्रवाई और खुलासा

तीन दिनों तक घर का दरवाजा न खुलने पर पड़ोसियों को शक हुआ। उन्होंने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। ब्यौहारी थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी ऋषभ चारी के नेतृत्व में टीम ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया। दृश्य देखकर सभी सन्न रह गए—सविता का शव एक कमरे में पड़ा था, जबकि बेटा दूसरे कमरे में सो रहा था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा किया और आरोपी को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में बेटे ने कबूल किया कि मां की डांट से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। एसपी रामजी श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी को मानसिक रूप से अस्वस्थ माना जा रहा है, जिसकी जांच चल रही है। पिता विनोद को गुजरात से बुला लिया गया है।

परिवारिक पृष्ठभूमि और संदेश

सविता का परिवार गरीब था, और पति की अनुपस्थिति में वह अकेले बेटे को संभाल रही थी। यह घटना न केवल रिश्तों की विडंबना दर्शाती है, बल्कि किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी को भी रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर काउंसलिंग से ऐसी त्रासदियां रोकी जा सकती हैं। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। इलाके में ग्रामीण स्तब्ध हैं, और यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

Report By:
Monika