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खराब प्रदर्शन करने वाले सरकारी कर्मियों की नौकरी पर संकट

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Jun 19, 2017

केंद्र सरकार ने आईएएस, आईपीएस स्तर के अधिकारियों से लेकर बाबुओं तक 67 हजार सरकारी कर्मचारियों के काम का रिव्यू शुरू कर दिया है। रिव्यू के बाद खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की पहचान की जाएगी और उन्हें नौकरी से निकालने की भी कार्रवाही की जा सकता है। इस रिव्यू प्रोसेस को सेवा और शासन प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार के कदम के तौर पर देखा जा रहा है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप सेवा से जुड़े कोड ऑफ कंडक्ट का पालन नहीं करने वाले कर्मचारियों को दंडित भी किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार के लगभग 67,000 कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की जा रही है, इसके जरिए खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की पहचान होगी." उन्होंने बताया कि इनमें से 25,000 कर्मचारी अखिल भारतीय तथा ग्रुप ए सेवाओं से हैं जिनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय राजस्व सेवा आदि के अधिकारी आते हैं। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक ओर सरकार का रुख उच्च स्तरीय दक्षता को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने का है वहीं दूसरी तरफ सरकार ईमानदार अधिकारियों के कामकाज के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना चाहती है। ताजे आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में केंद्र सरकार में कुल 48.85 लाख लोग कार्यरत हैं।