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राष्ट्रपति ने उपराष्ट्रपति वेंकैया को दिलाई गोपनीयता की शपथ

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Aug 11, 2017

वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलाई। शुक्रवार को शपथ लेने के बाद उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्यभार संभाला। इस दौरान सभी नेताओं ने उनका स्वागत किया। स्वागत भाषण के दौरान पक्ष और विपक्ष का मिला जुला रूप देखने को मिला।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने वेंकैया नायडू को बधाई देते हुए कहा कि भले ही आप एक पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं, लेकिन अब आपको इस पद पर रहकर न्याय करना है। आजाद ने कहा कि जिस पद पर आप बैठे हैं, उस सीट के पीछे एक तराजू है, जो बार-बार जज, स्पीकर या राज्यसभा चेयरमैन को याद दिलाता है कि वह निष्पक्ष है। आजाद ने कहा कि इस पद पर इंसान सिर्फ इंसान होता है, न्याय करते वक्त न धर्म होता है, न ही उसकी पार्टी होती है।

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि आपको इस पद के लिए बधाई। लेकिन मैं प्रधानमंत्री जी को कहना चाहूंगा कि गर्वनर और उपराष्ट्रपति के पद पर गैर राजनीतिक रूप के लोग बैठने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में शोरशराबे के बिना बिल पास होंगे। हमें उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति पद के बाद जो और भी पद हैं वहां पर भी उन्हें पहुंचना चाहिए।

सीपीआई (एम) के नेता सीताराम येचुरी ने वेंकैया के बारे में बोलते हुए कहा कि सभापति के रूप में आपका सदन में पहला दिन है, वहीं सदस्य के रूप में मेरा आखिरी दिन है। हमारी दोस्ती 40 साल की रही है, लोग हमसे पूछते थे कि दोनों अलग विचारधारा के होकर भी अच्छे दोस्त कैसे हो सकते हैं। येचुरी ने कहा कि आप अशोक चक्र और न्याय के सिंबल के नीचे बैठे हैं, हमें उम्मीद है कि आप सभी को न्याय से मौका देंगे। येचुरी ने इस दौरान वेंकैया से तेलगु में भी बात कही, उन्होंने कहा कि देश ईंट और पत्थरों से नहीं बल्कि लोगों से बनता है।

टीएमसी के नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा था कि उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में विपक्ष की आवाज़ भी जोर-शोर से उठेगी। हमें उम्मीद है कि आपके आने से बिना शोरगुल के बिल पास होंगे। उन्होंने वेंकैया के नाम की नई परिभाषा भी दी। उन्होंने NAIDU का मतलब बताया कि Now All India Dearst Umpire।

बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश मिश्रा ने कहा कि जब आज मैं यहां पर रहा था तो आपके किसी MP ने कहा था कि सतर्क रहिएगा क्योंकि अब एक सतर्क प्रिंसिपल आ गए हैं, तो मैंने कहा कि हमसे ज्यादा आपको सतर्क रहने की जरुरत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अब सब बराबर है तो सरकार को भी झटका लग सकता है। हमें उम्मीद है कि ऐसा दिन नहीं आएगा जो 18 जुलाई को आया था, जब मायावती को बोलने का मौका नहीं दिया गया। मंत्रियों ने मायावती के बोलते ही शोर मचाना शुरू किया। कुछ लोगों ने इसलिए शोर मचाया कि वो मंत्री बन सकें। हमें उम्मीद है कि आखिरी बेंच पर बैठने वाला व्यक्ति भी बोले।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडू के स्वागत में भाषण करते हुए कहा कि वेंकैया पहले ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जो आजाद भारत में जन्में हैं। उन्होंने अपने भाषण के दौरान एक शायरी भी पढ़ी। 'मोदी ने कहा कि अमल करो ऐसा सदन में, जहां से गुजरे तुम्हारी नजरें, उधर से तुम्हें सलाम आए।' मोदी ने कहा कि वेंकैया जी की तुकबंदी से हरकोई परिचित हैं।

उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष नदी के दो किनारों की तरह हैं, जो अंत में जाकर देश के सागर में जाकर मिलती हैं। हमें उम्मीद हैं कि आप देशपंथ निरपेक्ष बनें। उन्होंने कहा कि आप पक्ष की ओर कम देखें लेकिन विपक्ष की ओर ज्यादा देखें। ऐसा नहीं है कि सदन में चर्चा का स्तर गिरा है। हमको सबको समझना है, देश सांझा है विरासत सांझी है। उन्होंने कहा कि वाद-विवाद भी जरूरी है।