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सहारनपुर में जातीय संघर्ष के बीच धारा 144 लागू, मैसेजिंग सर्विसेज पर रोक

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May 25, 2017

सहारनपुर। यूपी के सहारनपुर में जातीय संघर्ष के बीच हालात को काबू में करने के लिए मोबाइल इंटरनेट और मैसेजिंग सर्विसेज पर रोक लगा दी गई है। जिला प्रशासन के मुताबिक- किसी भी तरह के अफवाह से बचने के लिए ये कदम उठाया गया है।जिलाधिकारी एनपी सिंह ने अपने आदेश में कहा, मैं निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि टेलीकॉम प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध इंटरनेट, मैसेजिंग एवं सोशल मीडिया का प्रयोग असामाजिक तत्व अफवाह और भ्रामक सूचनाओं को फैलाने में कर रहे हैं। उन्होंने कहा, धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए दूरसंचार प्रदाता कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क में उपलब्ध सभी इंटरनेट मैसेजिंग एवं सोशल मीडिया की सुविधाओं पर अग्रिम आदेश तक रोक लगायी जाती है।

इससे पहले देर शाम सहारनपुर के डीएम एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया गया। डिवीज़नल कमिश्नर और डीआईजी का भी तबादला कर दिया गया।  सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे और जिलाधिकारी एनपी सिंह को हटाया गया है, जबकि मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जेके शाही को भी स्थानांतरित किया गया है। जिले से हटाने को लेकर कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है, लेकिन बताया जाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर के हालात को नियंत्रित नहीं कर पाने को लेकर नाराजगी जताई, जिसके बाद उक्त अधिकारियों को हटाया गया।

तीन हफ़्तों में चौथी बार हुई हिंसा के बाद इलाके में काफी तनाव है, जिसे देखते हुए भारी सुरक्षा तैनात की गई है। प्रशासन के आला अधिकारी मौक़े पर कैंप कर रहे हैं। इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया है। सहारनपुर की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना के दोषी व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को मल्हीपुर रोड पर हुई हिंसा में मारे गये आशीष के परिजनों को राज्य सरकार ने 15 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।  यूपी के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस पर कहा कि सहारनपुर में अमन और शांति कायम हो गई थी। मायावती अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने गईं।