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प्‍लास्टिक पर लगाम लगाने की कवायद के तहत एक बड़ा फैसला

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Jun 27, 2019

महाराष्ट्र सरकार ने राज्‍य में प्‍लास्टिक पर लगाम लगाने की कवायद के तहत एक बड़ा फैसला लिया है जो वहां की आम जनता के लिए फायदे का साबित हो सकता है। जी हाँ, इस फैसले के तहत अब लोगों को खाली दूध की थैली विक्रेता को वापिस करनी होगी और यह फैसला अतिरिक्त प्लास्टिक थैलियों पर रोक लगाने के लिए लिया गया है। जी हाँ, खबरों के मुताबिक़ दूध के जिस खाली पाउच को अभी आप कूड़े में डाल देते हैं, अब उसके बदले आपको पैसे मिलेंगे। जी दरअसल महाराष्ट्र सरकार पर्यावरण को ध्यान में रखकर इस दिशा में कदम उठा रही है और महाराष्ट्र सरकार ने राज्‍य में प्‍लास्टिक पर लगाम लगाने की चाहत के लिए यह फैसला लिया है।

31 टन प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है प्रतिदिन सिर्फ दूध की थैली के रूप में

अब लोगों को खाली दूध की थैली विक्रेता को वापिस करनी होगी और यह फैसला प्लास्टिक थैलियों पर रोक लगाने के लिए लिया गया है। वहीं इसके बदले खाली थैली के लिए विक्रेता को प्रति थैली 50 पैसे लोगों को डिपॉजिट के तौर पर देने होंगे। जी दरअसल, महाराष्ट्र में प्रतिदिन 1 करोड़ दूध की थैलियां यानी करीब 31 टन प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है और इसी में कमी लाने के लिए प्लास्टिक पाबंदी के तहत यह फैसला लिया गया है। वहीं आपको बता दें कि इससे पहले राज्य के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि 'डेयरी कंपनियों को प्लास्टिक मिल्क पाउच को वापस जमा करने और उनकी रिसाइकलिंग के उपाए करने होंगे। इसके लिए कंपनियां इन पाउच को ग्राहकों से वापस खरीदेंगी। सरकार ने 28 मई को कदम ने प्लास्टिक पाउच को वापस खरीदने की योजना तैयार करने के लिए 15 दिन का समय दिया था।

डेयरी कंपनियों ने रिसाइकलिंग प्लांट तैयार करने के लिए भी कहा

हालांकि डेयरी कंपनियो को इस योजना के लिए तैयार होने में थोड़ा अधिक समय लगा। उन्होंने डेयरी कंपनियों ने रिसाइकलिंग प्लांट तैयार करने के लिए भी कहा है। आगे उन्होंने कहा, अगर दूध के पाउच की कोई कीमत नहीं होगी, तो लोग पाउच वापस नहीं करेंगे। इसलिए हमने डेयरी कंपनियों ने कहा है कि वे प्रति पाउच 50 पैसे दें और उन्हें जमा करके रिसाइकल कर दें। डेयरी कंपनियां ऐसा करने के लिए तैयार हो गई हैं। डेयरी कंपनियों के साथ लंबी बातचीत के बाद अब इस योजना के लिए सभी तैयार हैं। आम लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।