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एंटी मलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात से आंशिक तौर पर बैन हटा

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Apr 7, 2020

नई दिल्लीः भारत सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया है। विदेश मंत्रालय ने निर्णय लेते हुए एंटी मलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात से आंशिक तौर पर बैन हटा दिया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों को उचित मात्रा में पेरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देगा। साथ ही हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। भारत ने कहा कि घरेलू जरूरतों का हिसाब लगाने के बाद ही कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित देशों की मांग पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति को लेकर फैसला लिया जाएगा। यानी अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि किस देश को कितनी आपूर्ति की जाएगी। यह जानकारी इस मामले से जुड़े लोगों ने दी।

अमेरिका ने पीएम मोदी को फोन कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति की लगाई गुहार

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति की गुहार लगाई है। दरअसल अमेरिका लगातार भारत से इस दवा की मांग कर रहा है। ट्रंप ने फोन पर पीएम मोदी से कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट्स की आपूर्ति की मांग की थी। बता दें कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन दवा को कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए ट्रायल फेज में है। भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है, जिसका उपयोग मलेरिया के लिए किया जाता है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की दशकों पुरानी दवा है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि डीजीएफटी ने कहा था कि मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके कुछ निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।