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उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण कानून पारित: आजीवन कारावास का प्रावधान

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Jul 31, 2024

लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को यूपी गैरकानूनी धर्मांतरण प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित हो गया.  अब राज्य में धोखाधड़ी या जबरन धर्मांतरण के मामलों में कानून सख्त हो गया है.  इस कानून के तहत दोषियों को उम्रकैद तक की कड़ी सजा का प्रावधान है. अवैध धर्मांतरण की गंभीर घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने कानून का दायरा और सजा का प्रावधान बढ़ा दिया है. योगी सरकार ने मानसून सत्र के पहले ही दिन इस कानून को परित किया है.

गृह राज्य मंत्री सुरेश खन्ना ने यह विधेयक उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश किया. नए कानून के दायरे में अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग को भी लाया गया है.  नए कानून के मुताबिक, किसी महिला को अपने जाल में फंसाकर और उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करके ''लव जिहाद'' का दोषी पाए जाने पर पहली बार में आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.  इस कानून में कई अपराधों की सज़ा दोगुनी कर दी गई है. लव जिहाद के तहत कई नए अपराध जोड़े गए हैं. 

पारित विधेयक के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति जान-माल की धमकी देता है, हमला करता है, शादी करता है या शादी का वादा करता है या साजिश रचता है, नाबालिगों, महिलाओं या किसी अन्य व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के इरादे से तस्करी कराता है, तो उसका अपराध सबसे गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा. 

नए बिल में कई कड़े प्रावधान शामिल हैं. नए कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 20 साल की जेल या आजीवन कारावास का प्रावधान है.  इसके अलावा अब कोई भी धर्मांतरण मामले में एफआईआर दर्ज करा सकता है.  पहले इस प्रकार के मामले में जानकारी या शिकायत दर्ज कराने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की उपस्थिति आवश्यक होती थी.  लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की अदालत में नहीं की जा सकती.  लव जिहाद के मामले में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत अर्जी पर विचार नहीं किया जा सकता. इसके अलावा, इस अधिनियम के तहत सभी प्रकार के अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया है. 

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 2020 में लव जिहाद के खिलाफ पहला कानून बनाया.  इसके बाद राज्य सरकार ने विधानसभा में धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित कर दिया. अबिल और रु. में 1 से 10 वर्ष तक की सज़ा.  50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान था. विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया कि केवल शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध माना जाएगा. 

Report By:
Devashish Upadhyay.