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भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित की दवा, 30 सेकंड में कर सकती है कोरोना वायरस का खात्मा

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Apr 11, 2020

गुवाहाटीः कोरोना वायरस की दवा खोजने में पूरी दुनिया युद्ध स्तर पर जुटी हुई है। वायरस के मात देने के लिए दुनिया भर में वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। इस बीच भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (आइआइटी जी) के शोधकर्ताओं ने यूवीसी एलईडी आधारित एक किफायती कीटाणुशोधन प्रणाली (डिसइन्फेक्शन सिस्टम) विकसित की है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह प्रणाली महज 30 सेकंड में वायरस का खात्मा कर सकती है। साथ ही, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की जरूरतों को भी पूरा सकती है। इसका उपयोग मुख्य रूप से क्वारंटाइन सेंटरों और आइसोलेशन वार्डो को विसंक्रमित करने के लिए होगा।

वाइपर के आकार का है सिस्टम

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसकी निर्माण सामग्री में जलरोधी क्षमता भी है यानी यह वाटरप्रूफ है। इसे तैयार करने के लिए आइआइटी गुवाहाटी के निदेशक, प्रोफेसर टीजी सीताराम ने केमिकल इंजीनियरिंग विभाग सेंथिलमुरुगन सुब्बैया के नेतृत्व में दो निजी कंपनियों के साथ मिलकर एक रिसर्च टीम का गठन किया है। सेंथिलमुरुगन सुब्बैया ने कहा, ‘कोरोना की जंग लड़ने के लिए आइआइटी गुवाहाटी सरकारी और निजी एजेंसियों और संस्थाओं के साथ मिलकर किफायती तकनीक पर काम कर रही है।’ संस्थान के मुताबिक, यूवीसी प्रणाली सूक्ष्मजीव संक्रमित सतह को साफ करने के लिए एक सिद्ध तकनीक है। इस परियोजना में टीम ने एक यूवीसी-एलईडी प्रणाली विकसित की है, जो 30 सेकंड में वायरस से संक्रमित सतह को सैनिटाइज कर सकती है। वाइपर के आकार का यह सिस्टम बगैर छेद वाली सतह को पूरी तरह सैनिटाइज करने में सक्षम है।

अपने बयान में आगे शोधकर्ताओं ने कहा कि अब हम इस तकनीक में सुधार कर छिद्र वाली सतह पर छुपे हुए वायरसों को मारने की इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए हम ‘ओजोन सिस्टम’ का प्रयोग कर रहे हैं, जो एकीकृत रूप से छिद्रयुक्त सतह को भी सैनिटाइज कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम एक ऑब्जेक्ट मूवमेंट आइडेंटिटी फीचर से लैस है ताकि ऑपरेशन के दौरान मानव त्वचा को यूवीसी एक्सपोजर से बचा जा सके।