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'अंधाधुंध गिरफ्तारियों में जमानत न मिलना चिंताजनक..', CJI की टिप्पणी से फिर उठा राजनीतिक दबाव का मुद्दा

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Jul 29, 2024

देश में राजनीतिक दबाव के कारण पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, नेताओं की हो रही गिरफ्तारियों को लेकर देश के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ से सवाल पूछा गया. जिसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने मनमानी गिरफ्तारी के मामलों में जमानत न मिलने को चिंताजनक बताया, उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट में जमानत का पात्र होने के बावजूद जमानत नहीं मिलती, बाद में हाई कोर्ट में अपील करनी पड़ती है वहां भी जमानत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट आना पड़ता है. जिसके कारण ऐसे मामलों में देरी होती है और आवेदक को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

बेंगलुरू में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ ने न्यायाधीशों को कुछ सलाह भी देते हुए कहा कि जब अपराध के महत्वपूर्ण पहलुओं को संदेह की नजर से देखा जाता है तो ट्रायल न्यायाधीश जमानत न देकर सुरक्षित खेलना पसंद करते हैं.  न्यायाधीशों को प्रत्येक मामले की सावधानीपूर्वक जांच करके मजबूत सामान्य ज्ञान का उपयोग करना चाहिए. जिन मामलों में ट्रायल कोर्ट में ही जमानत मिल जानी चाहिए, वे हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचते हैं.  न्यायाधीशों को स्वतंत्र होकर निर्णय लेना चाहिए.

तुलनात्मक समानता और भेदभाव-विरोधी पर बर्कले सेंटर के 11वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ से एक दर्शक ने पूछा कि क्या गिरफ्तारियां मनमानी थीं या राजनीति से प्रेरित थीं.  एक श्रोता ने पूछा कि हम ऐसे समाज में रहते हैं जहां कोई व्यक्ति पहले कोई कृत्य करता है और फिर उसके लिए माफी मांगता है.  यह तब सच प्रतीत होता है जब राजनीतिक दबाव के कारण कुछ विपक्षी मुख्यमंत्रियों सहित कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी होती है. ये सभी कार्रवाइयां इस विश्वास के साथ की जाती हैं कि न्याय मिलने में देरी होगी. 

इस सवाल के जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें उन लोगों पर भरोसा करना सीखना होगा जो इस कानूनी व्यवस्था का हिस्सा हैं. हमें निचली अदालतों को जमानत चाहने वाले लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखने के लिए प्रेरित करना होगा. न्यायाधीशों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना चाहिए कि आवेदक जमानत के लिए पात्र है या नहीं. 

Report By:
Devashish Upadhyay.