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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को बड़ी राहत देते हुए वीवीपैट पर्चियों और ईवीएम मशीनों को लेकर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी

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Jul 30, 2024

सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को बड़ी राहत मिली है. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम मशीनों से 100 फीसदी मिलान की मांग वाली समीक्षा याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि 'याचिका में उठाए गए आधारों पर विचार करने के बाद हमारा मानना ​​है कि 26 अप्रैल के फैसले पर पुनर्विचार का कोई मामला नहीं है.'

क्या है पूरा मामला?

गौरतलब है कि 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट और ईवीएम मशीन की पर्चियों के 100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी. इस याचिका में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की भी मांग की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था. समीक्षा याचिका अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर की थी. बता दें कि अरुण कुमार अग्रवाल ने अपनी समीक्षा याचिका में दलील दी थी कि 26 अप्रैल के फैसले में त्रुटियां थीं. आगे कहा गया कि मतगणना हॉल की मौजूदा सीसीटीवी निगरानी यह सुनिश्चित करेगी कि वीवीपैट पर्चियों की गिनती में कोई अनियमितता न हो. 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक अन्य निर्देश यह है कि उम्मीदवारों के पास परिणाम घोषित होने के बाद इंजीनियरों की एक टीम द्वारा ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्राम की जांच कराने का विकल्प होगा, जिसके लिए परिणाम घोषित होने के सात दिनों के भीतर आवेदन करना होगा.  फैसला सुनाते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा, 'हालांकि एक संतुलित परिप्रेक्ष्य महत्वपूर्ण है, लेकिन सिस्टम पर अनावश्यक संदेह करना उचित नहीं है.' कोर्ट ने कहा, पोलिंग मशीनों के फायदों पर संदेह जताने और फिर से बैलेट पेपर की सिफारिश करने पर विचार नहीं किया जा सकता. चुनाव आयोग ने कोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए एक रिपोर्ट भी सौंपी. जिसमें चुनाव पैनल के अधिकारियों को पैनल से माइक्रोकंट्रोलर और रिप्रोग्रामेबल और संचालन सहित ईवीएम के कार्य, संचालन और सुविधाओं से संबंधित पांच सवालों के जवाब देने के लिए कहा गया था. 

Report By:
Devashish Upadhyay.