May 2, 2018
उमा भारती ने संत रविदास के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में किये गए सामाजिक समरसता भोज के आयोजन पर भोजन न करने के फैसले के बाद विवादों का दौर चल पड़ा है।उमा भारती के भोजन नहीं करने पर आयोजनकर्ता जहां चुप है वहीं सोशल मीडिया पर उमा के बयान ने बवाल मचा दिया है।
जहां एक ओर योगी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दलितों के घर जाकर भोजन कर रहे है वहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दलितों के साथ सामाजिक समरसता भोज में भोजन करने के इनकार कर दिया है।
छतरपुर के नौगांव के ददरी गांव में पहुंची उमा भारती ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि वह इस समरसता भोज में भोजन नहीं करेगी। वह दलित के घर खाना खाने की जगह अपने घर पर दलितों को भोजन कराएंगी और परिवार के लोगों के झूठे बर्तन उठाएंगी। उमा भारती ने कहा कि मैं भगवान राम नहीं कि उनके साथ भोजन करेंगे और वे पवित्र हो जाएंगे। जब दलित हमारे घर आकर साथ बैठकर भोजन करेंगे तब हम पवित्र हो पाएंगे। दलित को जब मैं अपने घर में अपने हाथों से खाना परोसूंगी तब मेरा घर धन्य होगा।