Loading...
अभी-अभी:

WHO ने भी माना, हवा से फैल रहा कोरोना वायरस...

image

Jul 8, 2020

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO ने बीते मंगलवार यानी 7 जुलाई 2020 को हवा से कोरोना वायरस के फैलने की बात को मान लिया है और कहा कि इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता फिर डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर के 200 से अधिक वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस के हवा से फैलने की बात के मिले सबूतों से इसके पूरी तरह मान लिया है। वैज्ञानिकों के एक समूह ने डब्ल्यूएचओ से कोरोना वायरस को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है। WHO में कोरोना महामारी के तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने एक समाचार ब्रीफिंग में इस बारें में कहा है कि- हम कोरोना संक्रमण के प्रसारण के तरीकों में से एक के रूप में एयरबोर्न ट्रांसमिशन और एयरोसोल ट्रांसमिशन की संभावना के बारे में बात कर रहे हैं और हम इस बात को गलत साबित या इससे इंकार नहीं कर सकते।

कोरोना वायरस के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग 
मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले पहले यह भी बताया था कि वायरस जो कोरोना संक्रमण फैलाता है, वह आगे जाकर सांस से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। वहीं इस बारें में स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह से निकली छोटी बूंदों के माध्यम से लगातार बढ़ता जा रहा है और यह संक्रमित सतह को छूने से फैलता है, लेकिन जेनेवा स्थित WHO को क्लिनिकल इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में सोमवार को प्रकाशित एक खुले पत्र में 32 देशों KS 239 वैज्ञानिकों ने इस बात के प्रमाण दिए कि हवा में मौजूद कोरोना के नन्हें कण के कारण आज बड़ी मात्रा में लोग संक्रमित हो रहे है। वैज्ञानिकों ने WHO से कोरोना वायरस के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
 
सार्वजनिक जगहों में हवा से कोरोना संक्रमण 
वहीं इस बात का पता चला है कि बीते मंगलवार की प्रेस ब्रीफिंग में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी लीड बेनेडेटा अल्लेग्रांज़ी ने कहा कि कोरोना वायरस के हवा से फैलने के सबूत मौजूद थे, लेकिन यह निश्चित नहीं था। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों में हवा से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं कर सकते है। विशेष रूप से बहुत विशिष्ट परिस्थितियों में भीड़ भाड़ वाली जगह, बंद जगह, ऐसी जगह जहां हवा ठीक से ना 
आ रही हो।