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योगी युग में ​4.50 लाख करोड़ रुपए का बजट अनुमानित!

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Feb 16, 2018

आपको बता दें कि योगी सरकार का दूसरा बजट 4.50 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। यह बजट भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 पर आधारित होगा। इसमें रोजगार और कृषि को बढ़ावा देने वाली योजनाओं पर फोकस होगा। बजट में फिलहाल युवाओं को मुफ्त लैपटॉप देने की योजना को झटका लग सकता है। योगी सरकार ने अपने पहले ही बजट में प्रदेश के किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्जमाफ कर वाहवाही लूटी थी। देश के किसी भी राज्य में यह अपने तरह की पहली बड़ी योजना थी। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में भी सरकार किसानों को अपने केंद्र बिन्दु में रखेगी। 

कृषि एवं सिंचाई से जुडी योजनाओं पर रहेगा फोकस 
कृषि एवं सिंचाई से जुड़ी योजनाओं पर फोकस करने से जहां बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होंगे, वहीं किसान भी आत्मनिर्भर होगा। 
- पिछले वर्ष जैसी किसानों की कर्जमाफी वाला कोई भारी-भरकम कदम उठाने से वह बचेगी।
- शासन से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सरकार का फोकस उन बिन्दुओं पर रहेगा, 
  जिनसे रोजगार पैदा होने की संभावना है। 
- संभावना जताई जा रही है कि इस बजट में सरकार सिंचाई से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 3 
  हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था करेगी। 
- बजट में मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना, औद्योगिक निवेश एवं रोजगार, प्रोत्साहन दिये 
  जाने की संभावना है, वहीं खराब हालत में चल रहे यूपी हैंडलूम को भी प्रोत्साहित किया जा 
  सकता है।
- बजट में भूमिहीन कृषि मजदूरों के कल्याणार्थ दीन दयाल सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 
  लाख तक का बीमा सरकार द्वारा नि:शुल्क कराये जाने की योजना हो सकती है, वहीं 
  भूमिहीन कृषि मजदूरों को गौधन योजना के तहत गाय और अन्य दुधारु पशु उपलब्ध कराने 
  की व्यवस्था हो सकती है। 
- इसके अलावा दुग्ध विकास योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए डेरी विकास फंड, राष्ट्रीय 
  डेरी विकास बोर्ड की सहायता से हर 4 जिले में एक समूह में संपूर्ण मिल्क प्रोसेसिंग डेरी की 
  स्थापना की भी संभावना है।
- मत्स्य पालक कल्याण फंड और फूड प्रोसेसिंग के लिए छह क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग पार्क की 
  व्यवस्था हो सकती है।
- बजट में सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड की स्थापना 
  और केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को शुरू करने के लिए धन उपलब्ध कराया जा सकता 
  है।

क्या कहा वित्त मंत्री ने?
सूबे के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल कहते हैं कि हम योजनाओं को समयबद्ध पूरा करना चाहते हैं। हम सभी योजनाओं को बजट दे रहे हैं, लेकिन काम समय से पूरा नहीं हुआ और इस नाते लागत बढ़ी तो जबाबदेही अफ़सर की होगी और उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।

सरकार ने बजट में 2019 के लोकसभा चुनावों का विशेष ध्यान रखा जाने की भी उम्मीद है। योगी सरकार के सामने मायावती सरकार के समय का यमुना एक्सप्रेस वे, एनसीआर की मेट्रो परियोजना, लखनऊ, नोएडा जैसे शहरों में ढांचागत विकास तो अखिलेश सरकार के दौर का आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, लखनऊ मेट्रो, बिजली ढांचे में फीडर सेपरेशन का काम एक चुनौती की तरह है।

इधर विपक्षी समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन कहते हैं कि योगी सरकार के पास हमारी योजनाओं और उप्लब्धियों को अपना बताने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं है। ये जुमलेबाज लोग हैं।

युवा वर्ष घोषित कर सकती है सरकार
युवाओं को लुभाने के लिए सरकार 2018-19 को युवा वर्ष घोषित कर सकती है। योगी सरकार के दूसरे बजट में युवाओं को रोजगार देने पर खास फोकस होगा। 

पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास का रोडमैप

यह योगी सरकार का दूसरा बजट है। इस बजट में पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास का रोडमैप साफ़ दिखाई दे सकता है।

तीर्थ स्थलों पर होगा फोकस
काशी, मथुरा और अयोध्या के साथ-साथ प्रदेश के अन्य तीर्थ स्थलों को हवाई और सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ बिजली और पानी के इंतजाम पर भी बजट में प्रावधान होगा। धार्मिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से बजट में कई नई योजनाओं के माध्यम से मानचित्र पर उभारने की कल्पना है।