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योगी सरकार ने पेश किया UPCOCA बिल, जानिए बिल से जुड़ी अहम बातें!

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Mar 27, 2018

संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (यूपीकोका) के विधान परिषद में पास न हो पाने के बाद यूपी सरकार ने आज विधानसभा में एक बार फिर इस बिल को पेश किया। इस विधेयक को विधानमण्डल के निचले सदन में पिछली 21 दिसम्बर को पारित किया जा चुका था।

बाद में इसे विधान परिषद में पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बाद इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था। वहां से लौटाने के बाद गत 13 मार्च को सरकार द्वारा इस पर विचार का प्रस्ताव विपक्ष की एकजुटता के कारण गिर गया था। सरकार का दावा है कि इस कानून के आने से अंडरवर्ल्ड, वेश्यावृत्ति, अपहरण, जबरन वसूली, जबरन कब्जे, फिरौती, धमकी और तस्करी जैसे संगठित अपराधों पर लगाम कसेगी।

महाराष्ट्र के मकोका तर्ज पर बना यूपीकोका बिल
उत्तर प्रदेश में अपराध कम करने, गैंगस्टर, माफिया और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार ने सारा इंतजाम कर दिया। महाराष्ट्र के मकोका के तर्ज पर योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट यानी यूपीकोका कानून की बुनियाद रख दी है, आज मंगलवार को योगी ने सरकार यूपीकोका बिल को विधानसभा में पेश करेगी और इस कानून के लागू होते ही यूपी में अपराध और आपराधिक घटनाओं में काफी कमी देखने को मिल सकती है।

यूपीकोका की खास बातें—
1. यूपीकोका कानून के तहत लगातार जबरन वसूली, किडनैपिंग, हत्या या हत्या की कोशिश और दूसरे संगठित अपराध करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगाया जाएगा।

2.यूपीकोका की श्रेणी में आने वाले अपराध के निपटाने के लिए राज्य सरकार विशेष न्यायालय का गठन करेंगी ताकि जल्द से जल्द मामलों का निपटारा किया जा सके। ऐसे मामलों की जांच पहले कमिश्नर और आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे ताकि कानून के गलत इस्तेमाल से बचा जा सके। यानी इसके लिए बड़े लेवल के पुलिस अधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृति मिलने के बाद पुलिस आरोपी के खिलाफ इस कानून के तहत केस दर्ज कर सकती है।

3.अपराधियों की संपत्ति राज्य सरकार द्वारा जब्त की जा सकती है यह कोर्ट की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा। इस विधेयक के लागू होने के बाद संगठित अपराध करने वाले किसी भी अपराधी को सरकारी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी। इसमें सजा का भी काफी कठोर प्रावधान है।