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गौ तस्कर समझ कर 12वीं के स्टूडेंट को गोली मार दी , बेखौफ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया

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Sep 3, 2024

फरीदाबाद के दिल्ली-आगरा हाईवे पर रात का वक्त है. एक डस्टर कार तेज़ी से निकलती हुई दिखती है. उसके पीछे एक और स्विफ्ट कार उतनी ही तेज़ी से डस्टर का पीछा करती हुई दिखती है. कुछ वक्त के बाद भागती हुई डस्टर पलवल टोल नाके को भी तोड़ते हुये निकल जाती है. इसके कुछ देर बाद ही स्विफ्ट कार में से डस्टर के ऊपर फायरिंग होने लगती है. फायर होती हुए बुलेट डस्टर के पीछे का कांच तोड़ कर ड्राइवर सीट के पास वाली सीट पर बैठे आर्यन मिश्रा नाम के व्यक्ति को लग जाती है. थोड़ी देर बाद स्विफ्ट से कुछ लोग बहार आते है और आर्यन की छाती में एक और गोली मार देते है.

 अब पूरी घटना के लगभग 10 दिन बाद पुलिस को पता चला है की जिन लोगो ने गोली चलाई थी वो कथित तौर पर गौ रक्षक थे. गायों की तस्करी के शक में  इन्होने सीधे गोलीयां चला दी औऱ एक जान ले ली.

 पूरा मामला क्या है

आर्यन मिश्रा , 12वीं का स्टूडेंट था और अपने परिवार के साथ फरीदाबाद में ही रहता था. फरीदाबाद में वो अपने माता-पिता के साथ एक किराये के घर में रहता था. जिस किराये के घर में आर्यन रहता था उस घर के मालिक के दो बेटे थे. बेटों का नाम था हर्षित और शेंकी. जानकारी ऐसी है की इन दोनो पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज थे. 23 अगस्त की रात को हर्षित और शैंकी मैगी खाने बहार जा रहे थे. रात के करीब 12 बज रहे थे. ये दोनो आर्यन से भी साथ चलने को कहते है. रात ज्यादा होने की वजह से आर्यन भी घर पर बिना बताये इनके साथ चला जाता है.  जब गाड़ी पटेल चौक पर पहुंचती है तब वहां गौ रक्षक अनिल कौशिक , वरुण , कृष्णा , आदेश और सौरब वहीं पर अपनी गाड़ी में पहले से ही मौजूद थे. उनके पास जानकारी थी की कुछ गौतस्कर डस्टर और फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियों में गायों की तस्करी कर रहे है. ऐसे में जब डस्टर गाड़ी जिसमें आर्यन , हर्षित और शेंकी बैठे थे, वहां पहुंचती है तब उन्हे लगता है की हो सकता है की यह वहीं गाड़ी हो जिसमें गायों की तस्करी हो रही है. जब उन्होने गाड़ी को रोका तो हर्षित ने गाड़ी को नहीं रोका. हर्षित ने गाड़ी इस वजह से नहीं रोकी क्योंकि कुछ दिन पहले ही हर्षित और शैंकी का झगड़ा हुआ था. इस लड़ाई की वजह से हर्षित और शैंकी पर पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था. हर्षित को लगा की ये लोग शायद वहीं है जिनसे उनकी लड़ाई पहले हो चुकी है. जिस वजह से उसने गाड़ी नहीं रोकी. इसके बाद पीछे चल रही स्विफ्ट भी तेज़ हो गई. फिर स्विफ्ट डस्टर का पीछा करती रही और डस्टर नही रुकी. ये सिलसिला 25 किमी तक चलता रहा. कुछ वक्त के बाद भागती हुई डस्टर पलवल टोल नाके को भी तोड़ते हुये निकल जाती है. जैसे ही टोल नाके को तोड़कर यह गाड़ी आगे बड़ती है. कुछ देर के बाद स्विफ्ट में से फायरिंग होने लगती है और फिर एक गोली डस्टर का कांच तोड़ते हुए ड्राइविंग सीट के पास बैठे आर्यन को लग जाती है. गोली लगने के बाद गाड़ी को रोका जाता है और जब डस्टर रुकती है तो स्विफ्ट से वहीं गौ रक्षक उतरते है और आर्यन के छाती में बिना कुछ सोचे एक और गोली मार देते है. इसके बाद ये गौ रक्षक मौके से फरार हो जाते है. आर्यन को हॉस्पिटल ले जाया जाता है. लेकिन , हॉस्पिटल में आर्यन की मौत हो जाती है.

 माता-पिता अब क्या करे ?

इस पूरी घटना के बाद अब आर्यन के माता-पिता जिन्होने अपने युवा बेटे में हमेशा के लिए खो दिया है. वो सवाल पूछ रहे है. उनका कहना है की जब बेटा बहार सिर्फ मैगी खाने गया था तो वो पलवल टोल तक कैसे पहुंच गया.

 लॉ एंड ऑर्डर का मज़ाक बन गया

कुछ लोगो को शक होता है की इसमें गौ तस्कर है. सिर्फ शक के चलते ही वो गोली चला देते है और एक युवा की मौत हो जाती है. यहां सीधा सवाल उठता है लॉ एंड ऑर्डर पर. क्या अब देश में गोली चलाना इतना नार्मल बन गया है. वो भी सिर्फ शक होने पर. जिसे गोली लगी और जिसकी जान गई उसका पूरे मामले से कोई लेना देना ही नहीं था. लेकिन वो युवा लड़का अब दुनिया में नहीं है. भारत में जान इतनी सस्ती तो नहीं होनी चाहिये की सिर्फ शक होने पर आप गोली ही चला दो. वो भी बिलकुल बेखौफ. जैसे कानून कुछ है ही नहीं.  

आरोपी गिरफ्तार 

पुलिस के मुताबिक आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके पास से हत्या को अंजाम देने वाली बंदूक भी बरामद हो गई है. पूरे मामले पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. 

  

Report By:
Devashish Upadhyay.