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मुख्यमंत्री केजरीवाल के इस्तीफे पर अन्ना हजारे का कटाक्ष, बोले- 'मैंने उनसे कहा था कि...'

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Sep 16, 2024

Arvind Kejriwal Resignation News :  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में 177 दिनों के बाद जेल से रिहा होने के बाद सीएम पद से इस्तीफे की घोषणा की है.  केजरीवाल के इस फैसले पर पूरे देश की सियासत गरमा गई है. इस पर तमाम राजनीतिक नेता अपनी राय रख रहे हैं. इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि राजनीति में मत जाओ. मैंने उनसे कई बार राजनीति के बजाय समाज सेवा करने को कहा लेकिन केजरीवाल ने मेरी बात नहीं सुनी.'

अन्ना हजारे ने क्या कहा?

अन्ना हजारे ने कहा, 'मैंने उनसे कई बार कहा कि राजनीति में न आएं. समाज की सेवा करें. तुम बहुत बड़े आदमी बनोगे. हम कई सालों तक साथ थे. उस समय मैं उन्हें बार-बार टोकता था कि राजनीति में न आएं. मैं समझा रहा था कि समाज सेवा जीवन में आनंद लाती है, आनंद में डूबे रहो, लेकिन उनके दिल में तो कुछ और ही था और आज जो होना था हो गया.'

केजरीवाल ने किया बड़ा ऐलान

जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कहा, 'मैं अगले दो दिनों में इस्तीफा दे दूंगा. मैं आपके दरबार में आया हूं. अब आप ही तय करें कि कौन सही था. मनीष सिसौदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. दिल्ली में चुनाव फरवरी में हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि नवंबर में महाराष्ट्र के साथ चुनाव हो. तब तक आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता मुख्यमंत्री बन सकता है. मैं और सिसौदिया अब जनता के बीच जाएंगे और जनता को तय करने देंगे कि हम दोषी है या ईमानदार. अब जितनी जल्दी हो सके दिल्ली का मुख्यमंत्री चुनें. जब तक लोग यह तय नहीं कर लेते कि केजरीवाल ईमानदार हैं या नहीं, मैं कुर्सी पर नहीं बैठूंगा.' अगर केजरीवाल ईमानदार लगते हैं तो 'आप' को खूब वोट दें.'

हमारी छोटी सी पार्टी ने देश की राजनीति बदल दी

केजरीवाल ने कहा कि हमारी छोटी सी पार्टी ने देश की राजनीति बदल दी है. मैंने जेल से केवल एक पत्र लिखा, वह भी उपराज्यपाल को. पत्र मुझे वापस भेज दिया गया और मुझे चेतावनी दी गई कि अगर मैंने दूसरा पत्र लिखा तो मुझे परिवार से मिलने नहीं दिया जाएगा. बीजेपी ने हमारी पार्टी को खत्म करने की साजिश रची जो नाकाम रही.' इसके विपरीत, मैं और अधिक जुनून के साथ जेल से बाहर आया हूं.'

दिल्ली सरकार के कार्यकाल के महज छह महीने बचे हैं

केजरीवाल की मांग बेहद अहम है क्योंकि फरवरी-2025 में विधानसभा चुनाव के कारण दिल्ली सरकार का कार्यकाल केवल छह महीने ही बचा है.  उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की है कि महाराष्ट्र और झारखंड के साथ-साथ दिल्ली में भी नवंबर में चुनाव कराए जाएं. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग और मोदी सरकार के हाथ में है. वे केजरीवाल की इस मांग पर विचार करेंगे कि क्या चुनाव की तारीखें बदली जा सकती हैं.

शीघ्र चुनाव के लिए कई चुनौतियाँ

अब इस मामले में मोदी सरकार अहम भूमिका निभाएगी. हालाँकि, चुनाव आयोग इस संबंध में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है और आयोग केंद्र सरकार से परामर्श कर सकता है.  इसलिए केजरीवाल की मांग चुनाव आयोग के लिए भी एक परीक्षा की तरह है. अगर दिल्ली में विधानसभा चुनाव जल्दी कराने हैं तो कई कानूनी और प्रशासनिक मुद्दों पर विचार करना होगा और इनमें मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल और चुनाव के लिए जरूरी तैयारियां भी शामिल हैं. 

Report By:
Devashish Upadhyay.