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दो दिन के अंदर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा , अब जनता ही मुझे ईमानदारी का प्रमाणपत्र दें - अरविंद केजरीवाल

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Sep 16, 2024

दिल्ली में कथित शराब घोटाला मामले में जमानत पर रिहा होने की सुबह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर राजनीतिक भूचाल ला दिया है. रविवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, देश के संविधान को बचाने के लिए मैंने अब तक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. अब वह दो दिन में इस्तीफा देंगे. इतना ही नहीं, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. यही जनता मुझे दोबारा मुख्यमंत्री बनाएगी. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने की भी मांग की है. इससे पहले केजरीवाल ने जब दिल्ली में शीला दीक्षित को हटाकर पहली बार सरकार बनाई थी तो उन्होंने महज 47 दिन में ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.

कथित शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को तिहाड़ जेल से रिहा हो गए. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को सशर्त जमानत दे दी.  रविवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह दो दिनों में आप विधायकों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें अगले मुख्यमंत्री के बारे में फैसला लिया जाएगा.

आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल रविवार को पत्नी सुनीता के साथ पार्टी मुख्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मैं और मनीष सिसौदिया अब तभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनेंगे जब लोग हमें ईमानदार कहेंगे.  कथित शराब नीति घोटाले में पिछले महीने मनीष सिसौदिया को भी जमानत मिल गई थी.

अरविंद केजरीवाल के अचानक ऐलान से दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री के तौर पर सुनीता केजरीवाल और दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी मार्लेना, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत के नामों की चर्चा शुरू हो गई है.

केजरीवाल ने कहा, बीजेपी ने मुझे इसलिए जेल में नहीं डाला क्योंकि मैंने कोई भ्रष्टाचार किया है. उनका इरादा तुम्हें तोड़ने का था. वह केजरीवाल के जुनून को तोड़ना चाहते थे. उन्होंने एक फॉर्मूला बनाया है - विधायकों को तोड़ो, विधायकों को खरीदो, उन्हें डराने के लिए ईडी-सीबीआई भेजो, पार्टी तोड़ो और अपनी सरकार बनाओ.  उन्होंने सोचा था कि केजरीवाल को जेल में डालकर वे पार्टी तोड़ देंगे और दिल्ली में अपनी सरकार बना लेंगे, लेकिन हमारी पार्टी नहीं टूटी, हमारे कार्यकर्ता नहीं झुके. हम 'अग्नि परीक्षा' देने को तैयार हैं. भाजपा अच्छे स्कूल और मुफ्त बिजली नहीं दे सकती, क्योंकि वे भ्रष्ट हैं.  लेकिन हम ये सुविधाएँ प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि हम ईमानदार हैं. 

उन्होंने कहा कि मैं रुपए से सत्ता के खेल का हिस्सा बनने नहीं आया हूं. मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी की कोई चाहत नहीं है. मैं दो दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. मुझे न्यायालय से न्याय मिला है. अब जनता की अदालत मेरा फैसला करेगी.

अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र के साथ चुनाव कराने की अपील की. उन्होंने कहा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती मैं कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. दिल्ली चुनाव आज से कुछ महीने बाद हैं. अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार हैं तो अगले चुनाव में मेरी पार्टी को वोट दें. आपका एक-एक वोट मेरी ईमानदारी का प्रमाणपत्र होगा.

केजरीवाल ने कहा, मैं देश के सभी गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि अगर प्रधानमंत्री आपको फर्जी केस में जेल में डाल दें तो किसी भी हालत में इस्तीफा न दें. हमें पद नहीं देश का संविधान और लोकतंत्र चाहिए.

भारी बहुमत से जीती सरकार को जेल में डालो और इस्तीफा देने को कहो. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के इस नए फॉर्मूले को फेल कर दिया है.

केजरीवाल 15 दिन में रु. 171 करोड़ से बना सीएम आवास खाली करेंगे

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल इस्तीफा देने के 15 दिन के भीतर सीएम आवास खाली कर देंगे. यह प्रोटोकॉल का हिस्सा है कि मुख्यमंत्री को पद पर ना बने रहने के 15 दिनों के भीतर सीएम आवास खाली करना होता है. दिल्ली में कोई आधिकारिक सीएम आवास नहीं है. मुख्यमंत्री जिस आवास में रहते हैं उसे ही मुख्यमंत्री आवास बनाया जाता है. बीजेपी लग्जरी हाउसिंग मुद्दे पर केजरीवाल पर निशाना साधती रही है. इसीलिए बीजेपी इसे 'शीशमहल' कहती है. लेकिन केजरीवाल इस आवास को छोड़कर बीजेपी से एक मुद्दा छीनना चाहते हैं. इसके अलावा केजरीवाल ने नवंबर में ही चुनाव कराने की चुनौती देकर बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. बता दें कि आरोप हैं कि केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास के रेनोवेशन पर 171 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

केजरीवाल के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनके हाथ बांध दिए थे

-अरविंद केजरीवाल ने कई उपलब्धियां हासिल कीं

- सर्वोच्च शर्तों ने केजरीवाल को सीएम के रूप में अपने कर्तव्य निभाने की पूरी आजादी नहीं दी

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से रिहा होने के 40 घंटे बाद दो दिन बाद रविवार सुबह अपने इस्तीफे की घोषणा कर सभी को चौंका दिया. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि केजरीवाल ने इस घोषणा से मास्टर स्ट्रोक मारा है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक, दरअसल केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की शर्तों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जेल में रहते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था और अब तिहाड़ जेल से रिहा होने के 40 घंटे के भीतर उनके इस्तीफे की घोषणा से हर कोई हैरान है. हालांकि राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि केजरीवाल ने इतना बड़ा फैसला यूं ही नहीं लिया. केजरीवाल 177 दिनों तक तिहाड़ जेल में कैद रहे. 

Report By:
Devashish Upadhyay.