Aug 23, 2025
बिहार चुनाव 2025: मध्य प्रदेश के ओबीसी नेता बनेंगे सियासी हथियार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी ने मध्य प्रदेश की राजनीति को भी गर्मा दिया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपने मजबूत ओबीसी नेताओं को बिहार के चुनावी रण में उतारने की तैयारी में हैं। मध्य प्रदेश के ये नेता बिहार के ओबीसी वोटरों को लुभाने और प्रचार-प्रबंधन की कमान संभालने में अहम भूमिका निभाएंगे। दोनों पार्टियां ओबीसी समीकरणों को साधकर जीत की रणनीति बना रही हैं।
बीजेपी की रणनीति: मोहन यादव और शिवराज का दम
बीजेपी बिहार में यादव वोटों को साधने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को अपना प्रमुख चेहरा बना रही है। उनकी लोकप्रियता और ओबीसी समुदाय से जुड़ाव को पार्टी लालू यादव के प्रभाव को चुनौती देने के लिए इस्तेमाल करेगी। वहीं, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की किसान-हितैषी छवि और मखाना किसानों के लिए किए गए कार्य बिहार में बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
कांग्रेस का ओबीसी दांव: यादव-पटेल जोड़ी
कांग्रेस भी ओबीसी वोटरों को लुभाने में पीछे नहीं है। पार्टी ने मध्य प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और उनके भाई सचिन यादव को प्रचार की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, कमलेश्वर पटेल, सत्यनारायण पटेल और दिनेश गुर्जर जैसे नेता भी बिहार के ओबीसी बहुल क्षेत्रों में प्रचार करेंगे। इन नेताओं को राहुल गांधी की 'वोट अधिकार यात्रा' से जोड़ा जाएगा।
चुनावी समीकरण: ओबीसी वोटों की जंग
बिहार में ओबीसी और अति पिछड़ा वर्ग की आबादी करीब 60% है, जो उन्हें किंगमेकर बनाती है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस वोट बैंक को साधने के लिए रणनीतिक रूप से अपने मध्य प्रदेश के नेताओं को मैदान में उतार रही हैं। बीजेपी जहां हिंदुत्व और विकास के मुद्दों को जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जोर दे रही है।
डिजिटल और जमीनी प्रचार का मेल
इस बार बिहार चुनाव में डिजिटल प्रचार भी अहम भूमिका निभाएगा। दोनों पार्टियां सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप्स और स्थानीय प्रभावशाली लोगों के जरिए वोटरों तक पहुंच रही हैं। मध्य प्रदेश के नेताओं को स्थानीय मुद्दों पर आधारित कैंपेन चलाने और डोर-टू-डोर प्रचार के लिए तैयार किया जा रहा है, ताकि बिहार के मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित हो सके।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मध्य प्रदेश के ओबीसी नेता दोनों प्रमुख दलों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं। बीजेपी और कांग्रेस की रणनीतियां ओबीसी वोटों को साधने पर केंद्रित हैं, और मध्य प्रदेश के ये दिग्गज नेता इस सियासी जंग में अहम भूमिका निभाने को तैयार हैं।