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देश का 88वां बजट पेश करेंगें अरूण जेटली

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Jan 31, 2018

आजादी के साढ़े 7 माह के लिए पहला आम बजट देश के प्रथम वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। यह 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के लिए था। और आजादी के बाद से अब तक कुल 87 आम और अंतिरम बजट पेश किए जा चुके हैं। और अब वित्त मंत्री अरुण जेटली अब देश का 88वां बजट पेश करेंगे। पहले बजट फरवरी माह की अंतिम तिथि और शाम को पांच बजे पेश किया जाता था। यह परंपरा 1999 तक जारी रही। ब्रिटिश काल की यह परंपरा 2001 में टूटी और अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया। नरेन्द्र मोदी सरकार ने फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश करने की परंपरा को तोड़ते हुए 2017 से इसे 1 फरवरी को पेश करना शुरू किया। लेकिन यह बजट मात्र 171.85 करोड़ रुपए का था। इसमें राजकोषीय घाटा 24.59 करोड रुपए रखने का लक्ष्य रखा गया था। प्रथम बजट के समय भारत और पाकिस्तान की मुद्रा एक ही थी। वर्ष 2017-18 का आम बजट कुल 21,46,735 करोड रुपए राजस्व और 25,13,762 करोड रुपए व्यय का था। वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 प्रतिशत अर्थात 5,46,532 करोड रुपए और राजस्व घाटा 1.9 प्रतिशत अर्थात 3,21,163 करोड रुपए था। इसके पीछे मकसद यह था कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने पर यह अमल में लाया जा सके। वर्ष 2017-18 से ही आम बजट में ही रेल बजट को भी समाहित किया गया। देश में सबसे अधिक बजट पेश करने का श्रेय श्री मोरारजी देसाई को है। उन्होंने कुल 10 बजट पेश किए हैं। इसके बाद पी. चिदम्बरम को नौ और प्रणव मुखर्जी को 8 बजट पेश करने का श्रेय है।