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मोदी के सपनों के दक्षेस उपग्रह को इसरो ने भेजा अंतरिक्ष

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May 5, 2017

श्रीहरिकोटा। भारतय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: ने आज यहां से दक्षिण एशया संचार उपग्रह GSAT-9 को अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिए रवाना किया। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दक्षिण एशिया में 'अंतरिक्ष कूटनीति' का सपना आज साकार हो गया। मई 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से 'दक्षेस उपग्रह' बनाने का आग्रह किया था, जो पड़ोसी देशों को 'भारत की ओर से उपहार' के तौर पर दिया जा सके। 

यह उपग्र​ह 450 करोड़ रुपये की लागत से इसरो ने पौने तीन साल की मेहनत के बाद तैयार किया है। मोदी ने 30 अप्रैल को 'मन की बात' कार्यक्रम में घोषणा की थी कि दक्षिण एशिया उपग्रह अपने पड़ोसी देशों को भारत की तरफ से 'कीमती उपहार' होगा। 

उपग्रह को इसरो के जीएसएलवी-एफ 09 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया। GSAT-9 भारत के पड़ोसी देशों के बीच संचार में मददगार होगा। आठ दक्षेस देशों में से सात देश इस परियोजना का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है। यह उपग्रह अंतरिक्ष आधारित टेक्नॉलजी के बेहतर इस्तेमाल में मदद करेगा। इस उपग्रह से अफगानिस्तान बाद में जुड़ने जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कुछ दिन पहले बताया था कि भारत अपने पड़ोसियों के लिए अपना दिल खोल रहा है। इस योजना में किसी अन्य पड़ोसी देश का कोई भी खर्चा नहीं होगा। इस संचार उपग्रह के 'उपहार' का अंतरिक्ष जगत में कोई और सानी नहीं है। फिलहाल जितने भी क्षेत्रीय संघ हैं, वे व्यवसायिक हैं... और उनका उद्देश्य लाभ कमाना है।