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कोलकाता रेप-मर्डर केस : CBI ने Supreme Court को सौंपी स्टेटस रिपोर्ट , FIR में देरी , परिवार को गुमराह करना और फिर क्राइम सीन बदलना..

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Aug 22, 2024

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को कोलकाता डॉक्टर से बलात्कार और फिर हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि क्राइम सीन बदला गया और पीड़िता के परिवार को उनकी बेटी की मौत के बारे में गुमराह किया गया. 

कोलकाता में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि अपराध स्थल को बदला गया और पीड़ित परिवार को उनकी बेटी की मौत के बारे में गुमराह किया गया.  परिवार को बताया गया कि उनकी बेटी की मौत आत्महत्या के कारण हुई.  सुनवाई के दौरान CBI का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी एफआईआर दर्ज करने में देरी पर चिंता जताई. 

तुषार मेहता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रधुड की अगुवाई वाली पीठ से कहा, "सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि पहली एफआईआर दाह संस्कार के बाद रात 11:45 बजे दर्ज की गई थी. माता-पिता को बताया गया कि यह आत्महत्या है, फिर मौत हुई और फिर अस्पताल के डॉक्टर के दोस्तों ने वीडियोग्राफी पर जोर दिया. उन्हें भी संदेह था कि कुछ गड़बड़ है." मेहता ने आगे कहा: "जब हम जांच के 5वें दिन में प्रवेश कर गए, तो अपराध स्थल सहित सब कुछ बदल दिया गया था."

CBI ने अदालत को यह भी बताया कि आरोपी कोलकाता पुलिस के सिविल स्वयंसेवक संजय रॉय पर लाई डिटेक्टर टेस्ट अभी तक नहीं कराया गया है. 

जांच एजेंसी ने कहा कि उसे आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों की ओर से मामले को संवेदनशीलता के साथ संभालने में खामियां मिली हैं.  सी.बी.आई. ने अदालत को बताया कि ऐसे मामलों में सभी प्रोटोकॉल की जानकारी होने के बावजूद अस्पताल के अधिकारियों ने डॉ. संदीप घोष को प्रिंसिपल पद से हटा दिया और अपराध स्थल की पूरी तरह से सुरक्षा करने में विफल रहे. 

जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अस्पताल के अधिकारियों, खासकर पूर्व और विवादास्पद आर.जी. प्रिंसिपल संदीप घोष ने शव मिलने के बाद पुलिस को सूचना देने में इतना समय क्यों लगाया. सी.बी.आई. पिछले शुक्रवार से ही डॉ. घोष से मामले की तह तक जाने के लिए पूछताछ कर रही है. लगभग हर दिन 12 से 14 घंटे तक पूछताछ चल रही है.

गुरुवार को भी डॉ. घोष कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित सी.बी.आई. के साल्ट लेक कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित हुए. उनकी उपस्थिति का यह लगातार सातवां दिन था. सी.बी.आई. ने गुरुवार को घोष के ड्राइवर को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. 

दूसरी गुमशुदा कड़ी वह व्यक्ति है जिसने 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में पीड़िता का शव सबसे पहले देखा था. आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के कई मेडिकल और गैर-मेडिकल कर्मचारियों से पूछताछ करने के बाद भी, जांच अधिकारी अभी तक उस व्यक्ति की पहचान नहीं कर पाए हैं जिसने सबसे पहले शव देखा था. 

जांच अधिकारी का मानना ​​है कि शव को सबसे पहले देखने वाले व्यक्ति तक पहुंचने के बाद मामले से जुड़े कई सवालों के जवाब मिल जाएंगे. 9 अगस्त को अस्पताल परिसर में रहस्यमयी परिस्थितियों में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था. अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले को लेकर शहर और बाद में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए. 

Report By:
Devashish Upadhyay.