Aug 25, 2022
यूपी से भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष की दौड़ में पश्चिम के जाट नेता भूपेंद्र चौधरी सबसे आगे चल रहे हैं। पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को जल्दबाजी में आजमगढ़ के सरकारी कार्यक्रम के बीच में ही दिल्ली से बुलावा आ गया था। बुधवार को भूपेंद्र चौधरी ने दिल्ली पहुंच कर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और स्वयंसेवक संघ के बड़े नेताओं से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक RSS ने भी भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की सहमति जता दे दी है। 2024 के चुनाव के ध्यान में रख कर पार्टी ने ये तय किया है। गौरतलब है कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के योगी मंत्रिमंडल में शामिल हो जाने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की चर्चाएं तेज हो गई। इस दौड़ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल रहे।
जाट वोट बैंक साधने की तैयारी
ऐसा माना जा रहा है कि भूपेंद्र चौधरी के हाथ प्रदेश की कमान सौंपने के पीछे भाजपा की रणनीति है। पश्चिम यूपी के नेता को प्रदेश की जिम्मेदारी देकर पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जाट वोट बैंक साधने की तैयारी में है। इस कदम से पश्चिम यूपी में रालोद और सपा के गठबंधन का असर कम करने में भी सहायता मिलेगी। भूपेंद्र चौधरी को आगे करने से वेस्ट यूपी की करीब सात जाट बहुल लोकसभा सीटों पर भाजपा को फायदा हो सकता है, साथ ही पिछड़े वोट बैंक साधने में मदद मिलेगी। ये दांव, नवंबर-दिसंबर में संभावित निकाय चुनाव में पश्चिम के वोट बरकरार करने की भी कवायद है। गौरतलब है कि यूपी के नए महामंत्री संगठन धर्मपाल भी पश्चिम यूपी से आते हैं और सैन बिरादरी के नेता हैं।
अमित शाह के करीबी भूपेंद्र चौधरी
पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। गृहमंत्री अमित शाह जब यूपी में प्रभारी बनकर आए थे तो भूपेंद्र चौधरी को अपने साथ कई चुनावी अभियानों में लगाया था। भूपेंद्र चौधरी ने विश्व हिंदू पार्षद से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। वे जिला कार्यकारिणी के सदस्य भी रह चुके हैं। RSS के बैकग्राउंड से आने वाले भूपेंद्र चौधरी पश्चिम के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। पिछले दिनों यूपी में जाट आंदोलन खत्म करने की जिम्मेदारी भूपेंद्र चौधरी के हाथों में थी। इसके अलावा भूपेंद्र चौधरी BJP के MLC और योगी सरकार में दूसरी बार पंचायती राज मंत्री हैं। भूपेंद्र चौधरी महामंत्री संगठन सुनील बंसल के भी काफी करीबी माने जाते हैं।








