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किस बात को लेकर राहुल-अखिलेश का समर्थन करने लगे NDA के सहयोगी चिराग पासवान

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Aug 26, 2024

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अकेले दम पर ज्यादातर सीटें जीतने के बाद विपक्ष दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा है. लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस ने जाति आधारित जनगणना की मांग उठाई है. कांग्रेस को अब न सिर्फ विपक्ष बल्कि एनडीए के सहयोगी दल का भी समर्थन हासिल है. खुद को पीएम मोदी के हनुमान कहने वाले चिराग पासवान ने जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी से अलग रुख अपनाया है. उन्होंने राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है.

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की कार्यकारिणी की बैठक रांची में हुई, जिसमें चिराग पासवान को एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, मेरी पार्टी हमेशा से जाति आधारित जनगणना के पक्ष में रही है. हम जाति आधारित जनगणना चाहते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर राज्य और केंद्र सरकारें जाति आधारित विचारों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाती हैं.  ये योजनाएं इन समुदायों को मुख्यधारा में लाने के लिए बनाई गई हैं.  ऐसे में सरकार के पास हर जाति की जनसंख्या की जानकारी होनी चाहिए.

हालांकि, चिराग पासवान ने कहा, मैं जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने के पक्ष में नहीं हूं. मेरा मानना ​​है कि अगर आंकड़े सामने आए तो इससे समाज में विभाजनकारी स्थितियां पैदा होंगी. जातिगत जनसंख्या को लेकर कोर्ट भी कई बार सरकार से जानकारी मांग चुकी है. मेरा मानना ​​है कि ये आंकड़े सरकार के पास होने चाहिए. जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार हो सके. यह लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में मदद कर सकता है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा की अब हिंदुस्तान का आदेश आ गया है. जल्द ही 90 फीसदी भारतीय जाति आधारित जनगणना का समर्थन और मांग करेंगे. अभी आदेश दें अन्यथा आप अगले प्रधानमंत्री को यह आदेश देते हुए देख सकते हैं. 

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह जनगणना नहीं है, बल्कि नीति निर्माण का आधार है. 90 फीसदी लोग सिस्टम का हिस्सा नहीं हैं. उनके पास कौशल है, प्रतिभा है, ज्ञान है लेकिन उनका सिस्टम से कोई संबंध नहीं है.  यही कारण है कि हम जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं.

दरअसल, एक सर्वे से पता चला है कि देश में 74 फीसदी लोग जाति आधारित जनगणना का समर्थन करते हैं. लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने जाति आधारित जनगणना की मांग उठाई थी. देश में जल्द ही जनगणना होने की संभावना है, ऐसे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि जनगणना के दौरान केंद्र सरकार ओबीसी जातियों का विवरण इकट्ठा करने के लिए एक अतिरिक्त कॉलम जोड़ सकती है.

यह ज्ञात नहीं है कि वर्तमान समय में कितनी जनजातियाँ हैं. वर्तमान में केवल अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आंकड़े उपलब्ध हैं. ओबीसी जातियों की गिनती नहीं की जाती. कांग्रेस समेत विपक्ष मांग कर रहा है कि जाति आधारित जनगणना कराई जाए और जिस जाति की आबादी सबसे ज्यादा हो, उसे आरक्षण दिया जाए.

- मोदी के 'हनुमान' का एनडीए विरोधी रुख

रांची: लोकसभा चुनाव में एनडीए में शामिल होने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को पीएम मोदी का 'हनुमान' कहा गया था. हालांकि, हाल के दिनों में चिराग पासवान लगातार मोदी सरकार के खिलाफ रुख अपनाए हुए हैं. जहां उन्होंने जाति-आधारित जनगणना का विरोध करने के भाजपा के रुख की आलोचना की है, वहीं चिराग पासवान ने पहले पार्श्व प्रवेश के माध्यम से केंद्र सरकार में उच्च पदों पर भर्ती का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि न तो मैं और न ही मेरी पार्टी आरक्षण के प्रावधान के बिना कोई भी सरकारी नियुक्ति करने के खिलाफ है. इसके अलावा चिराग पासवान ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी विरोध किया. उन्होंने इस मुद्दे पर भारत बंद का समर्थन किया.

Report By:
Devashish Upadhyay.